हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन को राधा जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। इस वर्ष, राधा अष्टमी का पर्व बुधवार, 11 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होने की संभावना होती है।
Radha Ashtami: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राधा रानी का स्थान भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में सर्वोच्च माना जाता है। राधा जी के बिना श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है क्योंकि राधा और कृष्ण एक-दूसरे के पूरक हैं। राधा अष्टमी के दिन, भक्त राधा रानी की पूजा-अर्चना कर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन राधा जी के 108 नामों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
राधा जी के 108 नामों का जाप भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने, प्रेम और भक्ति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह जाप विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भक्ति में अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं।
राधा रानी के 108 नाम
राधा जी के 108 नामों का जाप राधा रानी की महिमा का स्मरण करता है और भक्तों को उनके दिव्य गुणों और भक्ति का अनुभव कराता है। यहां राधा जी के 108 नाम दिए गए हैं:
1. राधा
2. राधिका
3. राधे
4. कृष्ण प्रिया
5. मधुर-प्रिया
6. माधव-पत्नी
7. गोपी
8. वृंदावनेश्वरी
9. वृंदा
10. वृषभानु नंदिनी
11. वृषभानुजा
12. वृषभानु सुता
13. राधारानी
14. हरिप्रिया
15. गोपेश्वरी
16. गोपालप्रिया
17. प्रेमलता
18. प्रेम-मंजरी
19. श्यामसुंदर प्रिया
20. कृष्णमनोरमा
21. कृष्णवल्लभा
22. व्रजरानी
23. गोप-वरिष्ठा
24. श्रीकृष्णा प्रियंका
25. कृपामयी
26. करुणामयी
27. लीला
28. रसवती
29. मनमोहीनी
30. मोहनप्रिया
31. महाभावा
32. कृपासागर
33. अनंग-रंजिनी
34. श्यामली
35. व्रजांगना
36. रम्या
37. रासेश्वरी
38. कान्ता
39. गोविंदसखा
40. श्रीमती
41. श्रीकृष्णप्रिया
42. श्रीलक्ष्मी
43. जानकी
44. रुक्मिणी
45. सत्यभामा
46. सुलक्षणा
47. पद्मावती
48. गोविंदवल्लभा
49. योगमाया
50. नंदिनी
51. श्याम प्रिया
52. जयती
53. मधुरालापिनी
54. वृषभानु प्रिया
55. रसिकेश्वरी
56. चंद्रकान्ता
57. श्यामसुंदर सखी
58. भानुमती
59. व्रजसुंदरी
60. श्यामलता
61. करुणारूपिणी
62. सिद्धि
63. परमानंद
64. अनंगमंजरी
65. विशाखा
66. ललिता
67. चंद्रावली
68. प्रिया
69. मधुरा
70. कान्ता
71. सुशिठला
72. श्रीमती
73. व्रजरानी
74. माला
75. मनीषा
76. माधवी
77. चंपक-लता
78. मुरलीप्रिया
79. गोविंदप्रिया
80. रसप्रिया
81. अनंग-सुंदरी
82. श्यामगंधा
83. सुमन-प्रिया
84. गंगामयी
85. यमुना
86. पुष्पलता
87. चंपक-मंजरी
88. शुभलक्ष्मी
89. मणिमंजरी
90. रत्नमंजरी
91. चंद्रप्रभा
92. शीतल
93. सुन्दरी
94. लीलावती
95. रूपमंजरी
96. सुंदरी
97. माधवी
98. रत्नकांता
99. रसरंजिनी
100. मोहनवल्लभा
101. रूपा
102. मृदुला
103. लीला
104. मोहेनी
105. पूर्णिमा
106. अमृतमंजरी
107. श्रीप्रिया
108. अनंग-राधिका
इन नामों का श्रद्धा से जाप करने से राधा रानी और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।