पर्यावरण कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यूरोजोन के सबसे बड़े बैंक बीएनपी परिबास ने अमेजन के जंगलों में पेड़ काटने की कथित रूप से जिम्मेदार इन कंपनियों को सेवा देने से पहले ठीक से जांच नहीं की, यह मुकदमा ब्राजील के एक एनजीओ 'कोमिसाओ पास्तोरल द तेरा' और फ्रांसीसी समूह 'नोट्रे अफेयर अ तूस' ने पेरिस की एक अदालत में बीएनपी परिबास बैंक के खिलाफ किया है. बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने अपने ग्राहकों के लिए यह अनिवार्य किया हुआ है कि वो 2025 तक अपने उत्पादन और सप्लाई चेनों में "शून्य वन-कटाई" की कार्यनीति ले कर आएं.
फ्रांस का नया कानून
जंगलों का नष्ट होना ब्राजील में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का सबसे बड़ा स्रोत है. क्लाइमेट एक्टिविस्ट बड़ी कंपनियों को एक कम उत्सर्जन वाले मॉडल को अपनाने के लिए मजबूर करने के लिए मुकदमों का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं.
फ्रांसीसी कंपनियों पर इस अभियान के तहत विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि 2017 में फ्रांस में एक नया कानून लाया गया था. इस कानून के तहत यह तय हुआ था कि कंपनियों की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण और मानवाधिकार के प्रति कौन से जोखिम जन्म ले रहे हैं यह पता करने की जिम्मेदारी कंपनियों की ही है.
पता करने के बाद कंपनियों को ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे जिनसे ये जोखिम ना रहें. यह बीएनपी परिबास के खिलाफ इस तरह का दूसरा मामला है. पहले मामले में मूल मुकदमा तेल कंपनी टोटलएनर्जीज के खिलाफ दर्ज किया गया था. उसमें अदालत मंगलवार 28 फरवरी को फैसला दे सकती है.
कई बैंक शामिल
बैंक ने बताया कि उसने अपनी ग्राहक कंपनियों के लिए अनिवार्य किया हुआ है कि उनके पास उनके बीफ और ब्राजील के अमेजन और सेराडो जंगलों से लिए सोया की सप्लाई चेनों के बारे में पूरी जानकारी हो. बैंक ने वचन दिया है कि जो कंपनियां उसकी शर्तों को नहीं मानेंगी उन्हें वो सेवाएं नहीं देगा.
लेकिन साथ ही बैंक ने यह भी कहा, "सभी वित्तीय संस्थानों की सामूहिक प्रतिबद्धता से ही इसका पूरी तरह से असर पड़ पाएगा. सिर्फ हमारे ही इन कंपनियों को सेवाएं देना बंद करने से उनकी गतिविधियों पर असर नहीं होगा क्योंकि उनकी दूसरे बैंकों पर निर्भरता जारी रहेगी."