कंगना रनौत ने हाल ही में अपनी फिल्म 'इमरजेंसी' का निर्देशन, सह-निर्माण और अभिनय किया है, जिसमें उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मुख्य भूमिका निभाई है। कंगना ने फिल्म की रिलीज में देरी का आरोप सेंसर बोर्ड पर लगाया है, कहकर कि उन्हें प्रमाणन में काफी समय लगा।
एंटरटेनमेंट: कंगना रनौत की विवादित फिल्म "इमरजेंसी" को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हुई। इस दौरान प्रोडक्शन कंपनी जी एंटरटेनमेंट के वकील ने अदालत में बताया कि वे रिवाइजिंग कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलावों से सहमत हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि फिल्म निर्माता बदलाव करने के लिए तैयार हैं। वकील ने यह भी कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा सुझाए गए बदलावों को लागू करने के लिए एक प्रारूप पेश किया गया है। अब सीबीएफसी इस प्रारूप पर अपनी प्रतिक्रिया देगा। इस मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी, जिससे फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो सकता हैं।
फिल्म को लेकर क्या है मामला?
कंगना रनौत ने अपनी फिल्म "इमरजेंसी" के लिए कट्स के अनुरोधों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "हमें कट के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं, और हम प्रतिक्रिया का हमेशा स्वागत करते हैं। लेकिन कुछ सुझाव काफी अनुचित लगते हैं। अच्छी बात यह है कि अधिकांश इतिहासकारों और समीक्षा समिति के सदस्यों ने इसे एक नेता के सबसे भरोसेमंद चित्रण के रूप में सराहा है। उन्होंने विशेष रूप से सच्चाई के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की है, जिसमें छोटी से छोटी बात से भी समझौता नहीं किया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "उनका समर्थन उत्साहजनक है, यह पुष्टि करते हुए कि हमने कहानी को वैसा ही सम्मान दिया है जैसा वह हकदार है। फिर भी, हम अपनी बात पर कायम रहने और फिल्म की अखंडता की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि इसका सार बरकरार रहे।"
विवादों में घिरी फिल्म 'इमरजेंसी'
फिल्म "इमरजेंसी" को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब शिरोमणि अकाली दल और विभिन्न सिख संगठनों ने इसकी रिलीज पर आपत्ति जताई। उनका आरोप था कि फिल्म में समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है और ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत किया गया है। इस विवाद के बीच, फिल्म के सह-निर्माता जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सीबीएफसी से फिल्म के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
पिछले गुरुवार को, सीबीएफसी ने हाईकोर्ट को बताया कि अगर फिल्म में कुछ कट लगाए जाते हैं, जैसा कि इसकी संशोधन समिति ने सुझाव दिया है, तो उन्हें सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। सीबीएफसी के वकील अभिनव चंद्रचूड़
ने कहा कि समिति ने सर्टिफिकेट जारी करने से पहले कुछ कट लगाने का सुझाव दिया है और इस पर आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती हैं।
फिल्म की टीम ने इस मामले में निर्णय लेने के लिए समय मांगा, और पीठ ने अगली सुनवाई की तारीख 30 सितंबर तय की थी। आज की सुनवाई में, फिल्म निर्माताओं ने बदलाव करने के लिए सहमति दे दी है, जो इस विवाद के समाधान की दिशा में एक कदम हो सकता हैं।