Golden Globe Awards: इन भारतीय फिल्मों ने भी गोल्डन ग्लोब्स में दर्ज कराया अपना नाम

Golden Globe Awards: इन भारतीय फिल्मों ने भी गोल्डन ग्लोब्स में दर्ज कराया अपना नाम
Last Updated: 3 घंटा पहले

इन दिनों 82वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स की चर्चा जोरों पर है। इस बार भारतीय फिल्ममेकर पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन लाइट ने न केवल दुनियाभर का ध्यान खींचा, बल्कि इतिहास भी रच दिया है। पायल, पहली भारतीय महिला डायरेक्टर बन गई हैं, जिन्हें बेस्ट मोशन पिक्चर कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए नॉमिनेशन मिला है। इसके अलावा, यह फिल्म नॉन-अंग्रेजी भाषा की सर्वश्रेष्ठ मोशन पिक्चर श्रेणी में भी नामांकित हुई है।

भारत का गोल्डन ग्लोब्स से पुराना नाता

पायल कपाड़िया की इस उपलब्धि ने भारतीय सिनेमा को एक बार फिर गर्व का मौका दिया है। हालांकि, गोल्डन ग्लोब्स में भारतीय फिल्मों का सफर नया नहीं है। आइए जानें, किन-किन फिल्मों ने पहले इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है।

1. रिचर्ड एटनबरो की गांधी (1982)

महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित यह फिल्म एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। बेन किंग्सले के दमदार अभिनय से सजी इस फिल्म ने न केवल बेस्ट विदेशी फिल्म का खिताब जीता, बल्कि अन्य कई कैटेगरी में भी पुरस्कार हासिल किए।

2. मीरा नायर की सलाम बॉम्बे (1988)

मीरा नायर की इस फिल्म ने भारत की सच्चाई और संघर्ष को बेहतरीन तरीके से पेश किया। फिल्म को बेस्ट विदेशी फिल्म कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था। हालांकि, यह पुरस्कार पेले द कॉन्करर के हाथों चला गया, लेकिन फिल्म ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई।

3. मीरा नायर की मानसून वेडिंग (2001)

नसीरुद्दीन शाह और शेफाली शाह जैसे कलाकारों की इस फिल्म को भी गोल्डन ग्लोब में नॉमिनेशन मिला। इस रोमांटिक-ड्रामा फिल्म ने भारतीय परंपराओं और भावनाओं को खूबसूरती से पेश किया।

4. एसएस राजामौली की ‘आरआरआर (2022)

हालिया ब्लॉकबस्टर फिल्म आरआरआर ने भारतीय सिनेमा को नए आयाम पर पहुंचाया। फिल्म का गाना नाटू नाटू 2023 में बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच चुका है।

5. अन्य उल्लेखनीय फिल्में

दो आंखें बारह हाथ: इस क्लासिक फिल्म ने भी गोल्डन ग्लोब में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

स्लमडॉग मिलियनेयर: इस फिल्म ने चार कैटेगरी में गोल्डन ग्लोब्स जीते और भारतीय सिनेमा की पहचान को विश्व स्तर पर बढ़ाया।

पायल कपाड़िया की ऑल वी इमेजिन लाइट क्यों खास है?

पायल कपाड़िया की यह फिल्म अपनी कहानी और निर्देशन की वजह से अलग पहचान बना चुकी है। इसे न केवल भारतीय दर्शकों से सराहना मिली है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी खूब तारीफ हुई है। गोल्डन ग्लोब में दो बड़े नॉमिनेशन मिलना भारतीय सिनेमा के लिए गर्व की बात है।

भारतीय सिनेमा का बढ़ता प्रभाव

गोल्डन ग्लोब जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भारतीय फिल्मों की बढ़ती उपस्थिति इस बात का संकेत है कि भारतीय सिनेमा न केवल अपनी कहानी कहने की क्षमता में आगे है, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। अब सभी की नजरें ऑल वी इमेजिन लाइट पर टिकी हैं, जो इतिहास रचने की कगार पर है।

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