जागरण फिल्म फेस्टिवल 2024 ने एक बार फिर सिनेमा प्रेमियों और थिएटर कलाकारों को एक साथ एक मंच पर लाकर सिनेमा की विविधता और कला का उत्सव मनाया। इस फिल्म फेस्टिवल में लगभग 1250 थिएटर आर्टिस्ट्स का हिस्सा बनने से लेकर बॉलीवुड और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों के प्रदर्शनों तक, हर पहलू ने सिनेमा की सच्ची शक्ति को उजागर किया। सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित यह फिल्म फेस्टिवल, जहां भारतीय सिनेमा का दबदबा था, वहीं फ्रांस, इटली और बांग्लादेश से आई फिल्मों ने भी दर्शकों को एक नया अनुभव प्रदान किया।
विक्की कौशल की 'सैम बहादुर' और अन्य बेहतरीन फिल्में
इस साल जागरण फिल्म फेस्टिवल में विक्की कौशल की फिल्म 'सैम बहादुर' भी प्रदर्शित की गई। यह फिल्म फील्ड मार्शल सैम मानेकशा के जीवन पर आधारित है और पाकिस्तान के साथ भारत के युद्ध की पृष्ठभूमि पर सेट है। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित यह फिल्म न केवल भारतीय सेना के संघर्षों को दिखाती है, बल्कि भारतीय सिनेमा में एक ऐतिहासिक महत्व भी रखती है। विक्की कौशल का अभिनय इस फिल्म में विशेष रूप से सराहा गया।
इसके साथ ही, पोलैंड की फिल्म 'द कान्स्टेंट फैक्टर' ने भी दर्शकों को आकर्षित किया। यह फिल्म एक युवा की कहानी है जो अपनी बीमार मां की देखभाल करता है, और उसे अपने सपनों को पूरा करने के रास्ते में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं।
फ्रांस, ईरान और बांग्लादेश से आई फिल्मों ने भी मचाई धूम
फिल्म फेस्टिवल में न केवल बॉलीवुड, बल्कि फ्रांस, ईरान और बांग्लादेश जैसी देशों से आई फिल्मों ने भी अपना जलवा दिखाया। 'लेओवर', एक डॉक्यूमेंट्री ड्रामा है, जो 2020 में हुए यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस की उड़ान पीएस-752 की दुर्घटना पर आधारित है। इस फिल्म ने न केवल उस हादसे को दर्शाया, बल्कि ईरानी प्रवासी जीवन और एक परिवार की कहानी को भी संवेदनशील तरीके से पेश किया।
बांग्लादेश की फिल्म 'बिलाई' ने भी कोविड-19 महामारी के दौरान एक छोटे से परिवार की संघर्ष की कहानी को छुआ। यह फिल्म निम्न वर्ग के संघर्षों और मानवता की जीत की बात करती हैं।
थिएटर आर्टिस्ट्स के लिए एक सशक्त मंच
फिल्म फेस्टिवल ने थिएटर आर्टिस्ट्स के लिए भी एक बेहतरीन मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने न केवल सिनेमा की कला को जाना, बल्कि थिएटर और सिनेमा के बीच की समानताएं और भिन्नताएं भी समझीं। दिल्ली के विभिन्न थिएटर ग्रुप्स जैसे कि अक्षरा, अनमास्क और रेनेसां के वरिष्ठ कलाकारों ने इस फेस्टिवल में सक्रिय भागीदारी की। वे दिनभर फिल्में देखते और सिनेमा जगत से जुड़ी हस्तियों से बातचीत करके अपने अनुभवों को साझा करते रहे।
सिनेमा और थिएटर का संगम
जागरण फिल्म फेस्टिवल केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा मंच था जहां कलाकारों को एक दूसरे से मिलने, सीखने और अपने विचारों को साझा करने का अवसर मिला। यह फेस्टिवल थिएटर कलाकारों के लिए एक प्रेरणा और सीखने का अद्भुत अवसर बनकर उभरा।
फेस्टिवल का यह संस्करण साबित करता है कि सिनेमा और थिएटर की दुनिया को एक दूसरे से जोड़ने के लिए ऐसे आयोजनों की कितनी आवश्यकता है। यहां पर आए 1250 थिएटर कलाकारों ने न केवल फिल्म कला का अनुभव लिया, बल्कि उन्हें सिनेमा के प्रभाव और उसकी शक्ति को समझने का भी मौका मिला।
जागरण फिल्म फेस्टिवल 2024 ने हर पहलू में सिनेमा की विविधता, कला और सशक्तता को प्रदर्शित किया। इसने न केवल बॉलीवुड की फिल्मों को सम्मानित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सिनेमा को भी एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। इसके साथ ही, थिएटर और सिनेमा के कलाकारों के बीच संवाद और अनुभव का आदान-प्रदान, फेस्टिवल की सफलता को और भी बढ़ाता हैं।