कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से मिला सर्टिफिकेट, कुछ सीन काटने और डिस्क्लेमर की रखी शर्त, जानें...

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड से मिला सर्टिफिकेट, कुछ सीन काटने और डिस्क्लेमर की रखी शर्त, जानें...
Last Updated: 20 घंटा पहले

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' जल्द ही रिलीज होने वाली है, क्योंकि सेंसर बोर्ड ने इसे सर्टिफिकेट दे दिया हैं। हालांकि, बोर्ड ने कुछ सीन्स काटने और एक डिस्क्लेमर देने की शर्त रखी है। इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही फिल्म का प्रदर्शन संभव होगा।

नई दिल्ली कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' जल्द ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली हैं। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया है, लेकिन इसके साथ ही कुछ शर्तें भी रखी हैं सेंसर बोर्ड ने घोषणा की है कि फिल्म में से कुछ दृश्य हटाने होंगे और एक अस्वीकरण भी जोड़ना होगा। केवल इन शर्तों को पूरा करने के बाद ही फिल्म का प्रदर्शन संभव हो सकेगा।

'इमरजेंसी' को कट और डिस्क्लेमर की शर्त के साथ मिला UA सर्टिफिकेट

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को UA सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है, लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज करने के लिए कुछ सीन्स काटने और एक डिस्क्लेमर लगाने की शर्त रखी हैं। फिल्म में दर्शाए गए ऐतिहासिक घटनाक्रम के लिए यह डिस्क्लेमर अनिवार्य होगा। हालांकि, फिल्म की रिलीज की तारीख अभी तय नहीं हुई है, जबकि पहले इसे 6 सितंबर को रिलीज किया जाना था। कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को सर्टिफिकेट मिलने पर फिल्म मेकर्स ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को आदेश दिया कि वह 18 सितंबर तक फिल्म के सर्टिफिकेट पर निर्णय ले। इसके बाद, 19 सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिससे फिल्म के भविष्य को लेकर उम्मीदें बनी रहीं।

सेंसर बोर्ड ने कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को UA सर्टिफिकेट दे दिया है, लेकिन 19 सितंबर को याचिका पर सुनवाई तय है। फिल्म के मेकर्स ने कोर्ट में अपनी पिटीशन में बताया कि 8 अगस्त को CBFC ने उन्हें फिल्म में बदलाव करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद, 14 अगस्त को मेकर्स ने संशोधित कट्स के साथ फिल्म को दोबारा सबमिट किया, जिससे सर्टिफिकेट मिलने की प्रक्रिया शुरू हुई।

 फिल्म मेकर्स ने कोर्ट में उठाई थी मांग 

कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' के मेकर्स ने कोर्ट में बताया कि 29 अगस्त को उन्हें CBFC से एक ईमेल मिला था, जिसमें सर्टिफिकेट जारी करने की सूचना दी गई थी। हालांकि, जब वे वास्तविक सर्टिफिकेट लेने पहुंचे, तो उन्हें इसे देने से इनकार कर दिया गया। मेकर्स ने आशंका जताई कि यह कदम सिख समुदाय के कुछ संगठनों के विरोध के कारण उठाया गया, जिन्होंने फिल्म के ट्रेलर को आपत्तिजनक बताया था।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फाइनल ऑर्डर में स्पष्ट किया कि यह तथ्य विवादित नहीं है कि 8 अगस्त को CBFC ने कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' को कुछ बदलावों के साथ 'U/A' सर्टिफिकेशन दिया था। कोर्ट ने कहा कि मेकर्स द्वारा 14 अगस्त को बदलाव सबमिट करने के बाद, उन्हें 29 अगस्त को सर्टिफिकेट जेनरेट होने का ईमेल मिला। इसलिए, CBFC की यह दलील कि चेयरमैन के सिग्नेचर होने के कारण सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया, स्वीकार्य नहीं है, और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दी गई CBFC की यह सबमिशन भी गलत ठहराई गई।

हाई कोर्ट ने CBFC को दी चेतावनी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया है कि वह 13 सितंबर तक जबलपुर के सिख संगठनों से मिली आपत्तियों या रिप्रेजेंटेशन पर फैसला ले। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी, लेकिन एडवोकेट चंद्रचूड़ ने गणपति उत्सव की छुट्टियों का हवाला देकर अधिक समय की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने इस आधार को मानने से इनकार कर दिया और CBFC को 18 सितंबर तक निर्णय लेने को कहा, जबकि सुनवाई की अगली तारीख 19 सितंबर निर्धारित की गई।

 

 

 

Leave a comment