अभिनेता, निर्देशक और निर्माता रंगनाथन माधवन बड़े पर्दे और अपने व्यक्तिगत जीवन दोनों में आदर्श स्थापित करते हैं। इस वर्ष उनकी पहली फिल्म शैतान में उनके नकारात्मक किरदार को दर्शकों ने बेहद सराहा। अब उनकी नई तमिल फिल्म ‘अदृष्टसाली इन दिनों चारों ओर चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल के दिनों में माधवन की चर्चा एक पान मसाला के विज्ञापन को अस्वीकार करने के कारण भी हुई है। इन सभी मुद्दों पर उनके ‘अमर उजाला के सलाहकार संपादक पंकज शुक्ल से खास बातचीत की गई।
इसके पीछे आपकी सोच क्या है?
आपने हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख पान मसाला कंपनी का ब्रांड एंबेसडर बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके पीछे आपकी सोच क्या है? मैं एक जिम्मेदार नागरिक हूं। एक अभिनेता के रूप में मेरी पहचान से पहले, मैं एक पिता, एक बेटा और एक पति भी हूं। मैं ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहता जिससे मेरे परिवार के सदस्य असहज महसूस करें। मैंने जो भी मांगा, उससे भगवान ने मुझे बहुत अधिक दिया है। इसके लिए मैं अपने प्रशंसकों और ईश्वर का आभारी हूं।
आपकी नई फिल्म 'अदृष्टसाली' का हिंदी में भी शायद कुछ ऐसा ही अर्थ होता है, है ना?
(हंसते हुए) जी हां, इसका हिंदी में मतलब होगा 'किस्मतवाला'। यह एक तमिल फिल्म है और इसे बनाने में हमें बहुत मज़ा आया। अभिनय का असली आनंद तब आता है जब आप अपने किरदार से सच्चा प्यार करने लगते हैं। लेकिन, कभी-कभी दर्शकों का किरदार से नफरत करना भी जरूरी होता है
आपका संकेत मेरी इस साल की पहली फिल्म 'शैतान' की ओर है, तो हां, बिल्कुल। ऐसा किरदार मैंने हिंदी सिनेमा में पहली बार निभाया है, और जहां भी मैं जाता हूं, लोग मुझसे इस किरदार के बारे में पूछते रहते हैं। परदे पर किरदारों के साथ प्रयोग करना मुझे बेहद पसंद है। मैं अपनी हर फिल्म में अपने प्रशंसकों को चौंकाना चाहता हूं।
छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक, अब ओटीटी पर भी छा गए, अगला कदम क्या होगा?
मेरा मानना है कि इंसान को हमेशा अनजान चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। सिनेमा ने मुझे एक ऐसा आकाश दिया है जहाँ मैं हर फिल्म में एक नया जीवन जीता हूँ। ओटीटी पर मुझे कई कहानियों के प्रस्ताव मिलते हैं, लेकिन मैं वहाँ ऐसा कुछ नहीं करना चाहता जो मेरे फिल्मों के प्रशंसकों की भावनाओं को चोट पहुँचाए।
प्रशंसकों का मानना है कि ओटीटी पर 'मारा' जैसी फिल्में आपको बनानी चाहिए
कोरोना संक्रमण के दौरान रिलीज हुई फिल्म 'मारा' दरअसल सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए ही बनी थी। इस फिल्म को जिसने भी देखा, उसने इसे दिल से महसूस किया। यह एक अत्यंत भावुक प्रेम कहानी है। प्रेम एक ऐसा अहसास है जिसमें भावनाएं बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। मैं हमेशा से प्रेम कहानियों के प्रति प्रयोगधर्मी रहा हूं और मुझे मानवीय संवेदनाओं से भरी प्रेम कहानियों की खोज हमेशा रहती है।
कॉमेडी में शानदार, तो क्या 'तनु वेड्स मनु 3' जल्द शुरू हो रही है?
हास्य रस जीवन का एक अहम हिस्सा है। हमें हर दिन हंसने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ना चाहिए। यह सच है कि अब लोग हंसने के लिए टिकट लेकर जाते हैं और हमारे रोजमर्रा की जिंदगी से हास्य का अभाव होता जा रहा है, लेकिन मुझे लगता है कि किसी के चेहरे पर मुस्कान लाना सबसे बड़ा पुण्य है। मुझे हास्य फिल्में बनाना बहुत पसंद है। ‘तनु वेड्स मनु 3’ के बारे में इसके निर्देशक आनंद एल राय ही जानकारी दे सकते हैं। कॉमेडी फिल्मों के नए प्रस्तावों के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं।
रॉकेट्री के बाद, क्या आगे भी निर्देशन की योजना है?
मेरे लिए फिल्म रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट को उसके सबसे प्रामाणिक रूप में बड़े पर्दे पर लाना प्राथमिकता थी। मैंने इस फिल्म के लिए अपने जीवन के पांच साल समर्पित किए हैं। सिनेमा के प्रति यह मेरी साधना रही है। नंबी नारायण जी ने खुद इस फिल्म को देखा और इसके प्रस्तुतीकरण से खुश होकर मुझे आशीर्वाद दिया। यह मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है। जहाँ तक निर्देशन का सवाल है, मुझे नहीं पता कब कौन सा विषय मेरे दिमाग में आएगा और मुझे एक नई प्रेरणा देगा।
आर माधवन की निर्माणाधीन फिल्में
अदृष्टसाली (तमिल)
टेस्ट (तमिल)
दे दे प्यार दे 2 (हिंदी)
शंकरा (हिंदी)
धुरंधर (हिंदी)
अमरीकी पंडित (हिंदी)