Bandaa Singh Chaudhary Box Office: पहले दिन में ही 'बंदा' की किस्मत का फैसला, शुक्रवार की कमाई ने बनाया रिकॉर्ड

Bandaa Singh Chaudhary Box Office: पहले दिन में ही 'बंदा' की किस्मत का फैसला, शुक्रवार की कमाई ने बनाया रिकॉर्ड
Last Updated: 26 अक्टूबर 2024

अरशद वारसी अभिनीत फिल्म "बंदा सिंह चौधरी" हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। यह फिल्म सलमान खान के छोटे भाई अरबाज खान के प्रोडक्शन में बनी है और इसकी कहानी एक वास्तविक घटना पर आधारित है। क्या ट्रेलर देखने के बाद "बंदा सिंह चौधरी" दर्शकों को थिएटरों की ओर आकर्षित करने और बॉक्स ऑफिस पर सफल कमाई करने में सफल रही या नहीं?

अरशद वारसी की फिल्म 'बंदा सिंह चौधरी' को लेकर दर्शकों में अत्यधिक उत्साह था। अभिषेक सक्सेना के निर्देशन में बनी इस एक्शन फिल्म का ट्रेलर जब जारी हुआ, तो 'मुन्ना भाई' के 'सर्किट' को एक नए अवतार में देखने के लिए फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। फिल्म 25 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और अब इसके प्रदर्शन का परिणाम भी सामने चुका है। पहले दिन इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई की, चलिए आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं

पहले दिन 'बंदा सिंह चौधरी' ने किया इतना संग्रह

बंदा सिंह चौधरी का निर्देशन अभिषेक सक्सेना ने किया है, जबकि फिल्म के निर्माता सलमान खान के छोटे भाई अरबाज खान हैं। 'सिकंदर' के अभिनेता ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस फिल्म का प्रचार किया था। हालांकि, किसी भी तरह से अरशद वारसी की फिल्म को इसका कोई लाभ होते हुए नहीं दिख रहा है।जितनी उत्सुकता इस फिल्म को लेकर दर्शकों में थी, उसकी आधी कमाई भी फिल्म नहीं कर पाई है। सैकनलिक.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, 'बंदा सिंह चौधरी' ने शुक्रवार को अपने पहले दिन महज 15 लाख का कारोबार किया है। 20 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म की ओपनिंग जिस तरह से सुस्त हुई है, उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि क्या यह फिल्म अपने बजट को भी निकाल पाएगी या नहीं।

क्या है 'बंदा सिंह चौधरी' की कहानी?

अरशद वारसी और मेहर विज अभिनीत फिल्म 'बंदा सिंह चौधरी' एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो पंजाब में आकर बसता है। वहां, उसे एक लड़की से प्यार हो जाता है और दोनों शादी कर लेते हैं। इस फिल्म में उस समय की घटनाओं को चित्रित किया गया है, जब पंजाब में उग्रवाद अपने चरम पर था।पंजाब में बसने वाले सभी बाहरी लोगों को शहर छोड़ने की धमकी दी जाती है। लेकिन बंदा सिंह चौधरी, जो अपने दोस्त की समझाने के बावजूद पंजाब छोड़ने से बिल्कुल इनकार कर देता है। इसके बाद उग्रवादी सभी गांववालों को चेतावनी देते हैं कि अगर किसी ने भी 'बंदा' से बातचीत करने या उसकी मदद करने की कोशिश की, तो उसे अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। बंदा की इस जिद की कीमत उसके दोस्त को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। इसी तरह, फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। यह फिल्म एक सत्य घटना पर आधारित है।

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