Ramayana Box Office Collection Day 4: 'भगवान राम' ने सोमवार को दबदबा बनाया, बेहतरीन कमाई के साथ 'इमरजेंसी' को छोड़ा पीछे

Ramayana Box Office Collection Day 4: 'भगवान राम' ने सोमवार को दबदबा बनाया, बेहतरीन कमाई के साथ 'इमरजेंसी' को छोड़ा पीछे
Last Updated: 1 दिन पहले

एनिमेटेड पौराणिक फिल्म रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम, जो 1992 में जापान में बनाई गई थी, 31 साल बाद भारतीय सिनेमाघरों में फिर से धूम मचा रही है। आधुनिक 4K वर्जन में रिलीज होते ही इस फिल्म ने दर्शकों को आकर्षित कर लिया और नई फिल्मों को भी चुनौती दी हैं।

री-रिलीज फिल्मों का बढ़ता ट्रेंड

हाल के समय में पुरानी क्लासिक फिल्मों की री-रिलीज का चलन तेजी से बढ़ रहा है। वीर-जारा और लैला-मजनू जैसी फिल्में दोबारा थिएटर में उतारकर नई पीढ़ी के दर्शकों को लुभा चुकी हैं। अब इस फेहरिस्त में रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम ने अपनी खास जगह बनाई हैं।

फिल्म क्यों है खास?

• 1992 में बनी यह फिल्म भारतीय पौराणिक कथाओं को एनीमेशन के माध्यम से प्रस्तुत करने का एक अनूठा प्रयास हैं।
• भगवान राम की कहानी को सरल लेकिन प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों को समान रूप से भा रही हैं।
• यह फिल्म भारतीय संस्कृति और मूल्यों की गहराई को खूबसूरती से दर्शाती हैं।

बॉक्स ऑफिस पर ‘रामायण’ का दबदबा

री-रिलीज के साथ ही रामायण ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार शुरुआत की। चार दिनों की कमाई के आंकड़े इस फिल्म की सफलता की कहानी खुद बयान कर रहे हैं।

• पहला दिन: ₹40 लाख
• दूसरा दिन: ₹70 लाख
• तीसरा दिन: ₹1 करोड़
• चौथा दिन (सोमवार): ₹40 लाख
सोमवार को भले ही कमाई में थोड़ी गिरावट आई हो, लेकिन यह फिल्म कंगना रनौत की इमरजेंसी से काफी आगे निकल गई हैं।

नई फिल्मों पर भारी ‘रामायण’

• इमरजेंसी: सोमवार को केवल ₹20 लाख का कलेक्शन।
• आजाद: 11 दिनों में ₹5.90 करोड़ पर सिमट गई।
• स्काई फोर्स: चार दिनों में ₹68 करोड़ की कमाई के साथ बॉक्स ऑफिस पर शीर्ष पर।
• री-रिलीज के बावजूद, रामायण ने दिखा दिया है कि पौराणिक कथाओं का आकर्षण समय की सीमाओं को पार कर जाता हैं।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

फिल्म को सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। दर्शकों ने इसे "एवरग्रीन क्लासिक" करार दिया है। इसके एनिमेशन और कहानी ने हर उम्र के दर्शकों को प्रभावित किया हैं।

इतिहास से वर्तमान तक का सफर

1992 में जब यह फिल्म पहली बार रिलीज हुई थी, तब इसे सीमित दर्शक मिले थे। लेकिन अब इसकी पुन: रिलीज ने इसे भारतीय संस्कृति का प्रतीक बना दिया हैं।

आने वाले दिनों की उम्मीदें

फिल्म की सफलता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि यह आने वाले दिनों में और बेहतर प्रदर्शन करेगी। सिनेमाघरों में बढ़ती भीड़ और दर्शकों का उत्साह इस बात का प्रमाण है कि रामायण की कहानी हर पीढ़ी के लिए प्रासंगिक हैं।

रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम न केवल एक फिल्म है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों का उत्सव है। इसकी री-रिलीज ने यह साबित कर दिया है कि पौराणिक कथाएं समय के साथ और भी प्रासंगिक होती जाती हैं। बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन के साथ, यह फिल्म नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन रही है और दर्शकों के दिलों में अपनी खास जगह बना रही हैं।

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