The Sabarmati Report: विक्रांत मैसी की फिल्म में छुपा है एक दर्दनाक हादसे का राज – जानिए क्या है सच्चाई!

The Sabarmati Report: विक्रांत मैसी की फिल्म में छुपा है एक दर्दनाक हादसे का राज – जानिए क्या है सच्चाई!
Last Updated: 2 घंटा पहले

द साबरमती रिपोर्ट: 12वीं फेल के बाद विक्रांत मैसी एक बार फिर से दमदार कंटेंट के साथ लौट आए हैं। लंबे समय से चर्चा में रही उनकी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में विक्रांत मैसी के साथ रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी नजर आ रही हैं। रिलीज से पहले इस फिल्म ने काफी हलचल मचाई थी। तो क्या यह फिल्म वास्तव में शक्तिशाली है? 

वर्तमान समय में, जहां हिंदी सिनेमा में "भूल भुलैया 3" और "स्त्री 2" जैसी हॉरर कॉमेडी फिल्मों की धूम मची हुई है, वहीं दूसरी ओर निर्माता एकता कपूर और निर्देशक धीरज शरण की "द साबरमती रिपोर्ट" भारत के ऐतिहासिक घटनाक्रम पर आधारित एक ऐसी फिल्म पेश कर रही है, जिसके बारे में काफी कुछ लिखा, पढ़ा और सुना गया है। 2002 में गुजरात में हुए गोधरा ट्रेन हादसे से प्रेरित "द साबरमती रिपोर्ट" किन-किन पहलुओं को उजागर करती है, आइए इस समीक्षा में जानते हैं। फिल्म के ट्रेलर से साफ हो गया था कि "द साबरमती रिपोर्ट" एक संवेदनशील मुद्दे को उठाती है। इसके कहानी को सिल्वर स्क्रीन पर लाने का साहस निर्माताओं ने दिखाया है। हालांकि, जो लोग यह सोचते हैं कि इस फिल्म में गुजरात कांड पर पहले बनी फिल्मों की तरह पुराना प्लॉट देखने को मिलेगा, वे शायद गलत हैं। क्योंकि ट्रेलर में कहानी की गहराई को छिपाया गया है, और असली नाटक का अनुभव फिल्म देखने पर ही होता है।

क्या है द साबरमती रिपोर्ट की कहानी?

 फिल्म की कहानी की शुरुआत उसी ट्रेन दुर्घटना के सच को जानने की कोशिश से होती है। इसमें हिंदी के पत्रकार समर कुमार (विक्रांत मैसी) और अंग्रेजी पत्रकार मनिका राजपुरोहित के बीच सच और झूठ की लड़ाई को दिखाया गया है। लेकिन कहानी में असली मोड़ तब आता है, जब अमृता गिल (राशि खन्ना) का प्रवेश होता है। अमृता समर की अधूरी कोशिशों को एक नई दिशा देने के लिए इस पूरे घटनाक्रम की गहराई में जाती हैं।

क्या समर और अमृता इस दिशा में सफल हो पाते हैं? इसके बारे में जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी। हालांकि, फिल्म के कुछ हिस्से में ऐसा लगता है कि वह थोड़ा ट्रैक से भटक रही है, क्योंकि बीच में 'द साबरमती रिपोर्ट' पर दो पत्रकारों के बीच की प्रतिस्पर्धा को दर्शाया गया है, जिससे कहानी थोड़ा बनावटी सी लगने लगती है। इस घटना में पत्रकारों की भूमिका क्या रही, यही इस फिल्म का मुख्य बिंदु बन सकता है।

स्टार कास्ट की एक्टिंग

 इस प्रकार के मुद्दों पर आधारित फिल्मों में अक्सर कास्ट की एक्टिंग का महत्वपूर्ण स्थान होता है। जैसे कि 'द अटैक ऑफ 26/11' में नाना पाटेकर ने अपनी अदाकारी से सभी को प्रभावित किया। इसी तरह, विक्रांत मैसी ने एक बार फिर से अपने प्रभावशाली अभिनय से छाप छोड़ी है। 'सेक्टर 36' और '12th Fail' के बाद, उनकी लगातार उत्कृष्ट परफॉर्मेंस ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई है।

दूसरी ओर, साउथ की अभिनेत्री राशि खन्ना ने भी बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इसके अलावा, रिद्धि डोगरी की अदाकारी भी प्रशंसा के योग्य रही है। फिल्म में एक प्रमुख महिला पत्रकार का कैमियो भी देखने के लिए मिलेगा।

टीवी अभिनेता रहे हैं फिल्म के निर्देशक

फिल्ममेकर एकता कपूर के बालाजी टेलीफिल्म्स के प्रसिद्ध टीवी शो 'कुटुंब' में यश के किरदार में दिखाई देने वाले अभिनेता धीरज शरण ने 'द साबरमती रिपोर्ट' का निर्देशन किया है। भले ही उनकी कोशिश में अनुभव की कमी नजर आती है, लेकिन इसका संकेत आपको फिल्म के कुछ दृश्यों में आसानी से मिल जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस गंभीर मुद्दे को पर्दे पर प्रस्तुत करने की जो कोशिश की है, वह सच में सराहनीय है।

ट्रेन जलने के दृश्य में वीएफएक्स तकनीक का उपयोग सही तरीके से किया गया है, लेकिन सिनेमेटोग्राफी में स्थिति थोड़ी कमजोर लगती है। निर्माता एकता कपूर ने इस बार टीवी शो और वयस्क सामग्री की दिशा से हटकर दर्शकों को सिनेमाघर में पूरी तरह से मनोरंजन प्रदान करने की कोशिश की है, जिससे उनके पैसे वसूल हों।

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