भारत में छोटी कारों की बिक्री में कमी आई है, और कांग्रेस पार्टी ने इसे आर्थिक मंदी और लोगों की कमाई में ठहराव से जोड़ा है। उनका कहना है कि अब कार खरीदारी केवल कुछ अमीर परिवारों तक सीमित हो गई है, जिससे छोटी कारों की बिक्री में गिरावट आई है।
Sport Utility Vehicle: भारत में पिछले कुछ सालों से एसयूवी की बिक्री तेजी से बढ़ी है, जबकि छोटी कारों की बिक्री में गिरावट देखी गई है। यह बदलाव बाजार की बदलती प्राथमिकताओं और लोगों की खर्च करने की क्षमता में बदलाव को दर्शाता है। जहां पहले लोग छोटी हैचबैक कारों को प्राथमिकता देते थे, वहीं अब एसयूवी के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ा है। इस बदलती तस्वीर के पीछे आर्थिक मंदी, कमाई में कमी और अन्य कारक हैं, जो इस गिरावट को मजबूर कर रहे हैं।
छोटी कारों की बिक्री में गिरावट: क्या हैं इसके कारण?
भारत में पहले छोटे और सस्ते वाहन, खासकर हैचबैक कारें, काफी लोकप्रिय थीं। लेकिन अब एसयूवी और बड़ी कारों की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है। इसका मुख्य कारण लोगों की बदलती प्राथमिकताएं और जीवनशैली में बदलाव है। छोटी कारों की बिक्री में 9 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, और इस गिरावट का प्रमुख कारण आर्थिक मंदी और आमदनी में स्थिरता माना जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि ‘आज के समय में ज्यादातर लोगों की आय नहीं बढ़ रही है, जिसके कारण वे कारों जैसी महंगी चीजें खरीदने में असमर्थ हैं।‘ उन्होंने मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आर.सी. भार्गव के बयान का हवाला देते हुए यह कहा कि भारत में केवल 12% अमीर परिवार ही कार खरीदने की स्थिति में हैं, जबकि बाकी 88% लोग छोटी कार भी नहीं खरीद पा रहे हैं।
कारों की बिक्री में क्या बदलाव आ रहा है?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुसार, 2023-24 और 2024-25 के बीच यात्री वाहनों की बिक्री में केवल 2% की वृद्धि हो रही है। और आने वाले सालों में भी यही वृद्धि दर देखने को मिल सकती है। इसके कारणों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों की कमाई पिछले कुछ समय से स्थिर रही है, जिससे लोग कारों सहित अन्य वस्तुओं की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस की सरकार से अपील
कांग्रेस पार्टी ने इस गंभीर मुद्दे पर सरकार से अपील की है कि वह इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए आर्थिक मंदी से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए। जयराम रमेश ने कहा कि 'जब तक लोगों की आय में सुधार नहीं होगा, तब तक वे महंगी चीजें, जैसे कि कार, नहीं खरीद सकते। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और आमदनी बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए।'
कांग्रेस का मानना है कि अगर सरकार ने आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए, तो लोग न केवल कारें खरीदने में सक्षम होंगे, बल्कि अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी भी कर पाएंगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और बाजार में खरीदारी की प्रवृत्ति में सुधार होगा।
क्या कदम उठाए जाएंगे?
कांग्रेस पार्टी ने सरकार से यह भी कहा कि उसे रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए नीतियों पर विचार करना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्थिर आमदनी कमा सकें। इसके अलावा, सरकार को मध्यम वर्ग के लिए टैक्स में छूट देने और ऋण सुविधा बढ़ाने की योजना बनानी चाहिए, जिससे लोग बड़ी कारों के अलावा अन्य जरूरी वस्तुएं भी खरीद सकें।
जयराम रमेश ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को छोटे और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज तैयार करना चाहिए, ताकि वे अपने खर्चों को आसानी से पूरा कर सकें और उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी में भाग ले सकें। यह कदम न केवल कार उद्योग को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि देश की समग्र अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
छोटी कारों की बिक्री में गिरावट के पीछे केवल एक कारण नहीं है, बल्कि यह कई कारणों का परिणाम है। सबसे बड़ा कारण है आमदनी में स्थिरता और जीवनशैली में बदलाव। अगर सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देती है और लोगों की आय में सुधार करने के लिए ठोस कदम उठाती है, तो यह स्थिति सुधर सकती है और कारों सहित अन्य उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है।