Semiconductor Manufacturing in India केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में ऐलान किया कि भारत का पहला पूरी तरह से देश में बना हुआ सेमीकंडक्टर चिप इस साल के अंत तक लॉन्च होगा। यह कदम भारत के डिजिटल और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस चिप के निर्माण की दिशा में प्रमुख प्रयास किए जा रहे हैं, और इसके लिए विभिन्न स्थानों पर मशीनों की टेस्टिंग भी शुरू हो चुकी है।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में महत्वपूर्ण प्रगति
गुजरात के धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पॉवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (PSMC) की साझेदारी से देश की पहली सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बन रही है। यह पहल भारत को सेमीकंडक्टर के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस दिशा में 5 यूनिट्स का निर्माण सुचारु रूप से चल रहा है और वर्ष के अंत तक चिप का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
सरकार का सेमीकंडक्टर मिशन और समर्थन
भारत सरकार ने फरवरी 2024 में देश में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स स्थापित करने की मंजूरी दी थी। इससे पहले दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री ने ‘सेमीकॉन इंडिया’ कार्यक्रम को मंज़ूरी दी थी, जिसके तहत 76,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) की स्थापना की है, जो डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के अंतर्गत काम कर रहा है। इसके उद्देश्य में सेमीकंडक्टर निर्माण और डिज़ाइन को बढ़ावा देना शामिल है।
भारत की बढ़ती ताकत एआई और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में
केंद्रीय मंत्री ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में भारत की भूमिका को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि भारत का फाउंडेशनल AI मॉडल 5-6 महीनों में तैयार हो जाएगा। इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में 5 गुना वृद्धि और निर्यात में 6 गुना की बढ़ोतरी हुई है। इस क्षेत्र में 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण इलाकों से हैं।
यह सारी प्रगति सरकार की योजनाओं जैसे PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) के कारण संभव हो पाई है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्माता बनाने के लिए मदद कर रही है।