दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हुआ, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे के बाद पहली बार सदन को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर कड़े हमले किए।
New Delhi: विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हुआ, जो आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सदन का पहला सत्र है। इस सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी बात रखी।
सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष ने हंगामा कर दिया, जिसके चलते स्पीकर रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के कारण माहौल गरमाया रहा।
केजरीवाल ने पीएम मोदी पर किया हमला
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में अपने संबोधन के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता उन्हें और मनीष सिसोदिया को देखकर दुखी होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, "मोदी जी बहुत ताकतवर नेता हैं, उनके पास अथाह पैसा है, लेकिन मोदी भगवान नहीं हैं।" केजरीवाल ने कहा कि उनके साथ कोई बड़ी शक्ति है, जो उन्हें और उनकी पार्टी को समर्थन दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट का किया आभार व्यक्त- अरविंद
केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि वे लाखों लोगों की दुआओं की वजह से जेल से छूटकर आए हैं और इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी आभार व्यक्त किया। केजरीवाल ने बताया कि हाल ही में उन्होंने एक सड़क का दौरा किया, जिसकी हालत खराब थी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात का जिक्र किया। उन्होंने उस नेता से पूछा, "आपको मुझे जेल भेजकर क्या मिला?" इस पर उस नेता ने जवाब दिया, "हमने दिल्ली को ठप कर दिया है, पूरी दिल्ली ठप कर दी।"
केजरीवाल ने तीन बार दिया इस्तीफा
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उनके जीवन में तीन अहम मौकों पर उन्होंने इस्तीफा दिया—पहली बार 2006 में आयकर संयुक्त आयुक्त पद से, दूसरी बार 2014 में मुख्यमंत्री पद से, और तीसरी बार हाल ही में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें किसी पद का कोई लालच नहीं है।
इसके साथ ही केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी में एक नियम है कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायर कर दिया जाता है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के एक प्रमुख नेता इस नियम को खुद पर लागू नहीं कर रहे हैं।
पूर्व सीएम ने बीजेपी पर कसा ताना
अपने भाषण में कहा कि बीजेपी ने उनके 5 नेताओं को जेल में डाल दिया, लेकिन उनकी पार्टी नहीं टूटी। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी के 2 नेताओं को जेल में डाल दिया जाए, तो उनकी पार्टी टूट जाएगी। केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके जेल जाने से उनका व्यक्तिगत नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि 2 करोड़ लोगों का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे जनता को परेशान करके वोट हासिल करना चाहते हैं, और यह तरीका गलत है। उन्होंने कहा कि उनके जेल जाने के बाद, दिल्ली की सभी सड़कों की मरम्मत बंद कर दी गई। अगर बीजेपी ने 5000 करोड़ रुपये मोदी जी से लेकर सड़कों की मरम्मत करवाई होती, तो केजरीवाल बाहर आकर किस बात पर वोट मांगते?
मुख्यमंत्री आतिशी भी सदन में मौजूद
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री आतिशी सदन में सीट नंबर 1 पर बैठीं, जबकि अरविंद केजरीवाल सीट नंबर 41 पर बैठे थे। उनके बगल में सीट नंबर 40 पर पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बैठे थे।
सत्र में चर्चा का एक बड़ा मुद्दा दक्षिणी दिल्ली में 1100 पेड़ों की कटाई रहा, जिसे सत्ता पक्ष ने उठाया और आरोप लगाया कि यह कटाई एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर हुई।
विपक्ष की ओर से अजय महावर ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब अरविंद केजरीवाल के आवास पर पेड़ काटे गए थे, तब आप के नेता और सत्ता पक्ष चुप थे। उन्होंने सवाल उठाया कि उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर कुछ क्यों नहीं कहा।
बस मार्शलों की बहाली के प्रस्ताव को मंजूरी
वहीं, विधानसभा में बस मार्शलों की बहाली के लिए प्रस्ताव पास हो गया है। ऐसे में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, AAP और BJP के सभी विधायक एलजी (उपराज्यपाल) के यहां जाएंगे। उनका उद्देश्य बस मार्शलों की नियुक्ति के कागजात पर उपराज्यपाल से हस्ताक्षर करवाना है, और इसके बिना वे वापस नहीं लौटेंगे।
बस मार्शलों की स्थिति पर की चिंता व्यक्त - भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में बस मार्शलों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के करीब 10,000 बस मार्शलों और उनके परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। कुछ मार्शलों ने इस गंभीर स्थिति के चलते आत्महत्या भी कर ली है, क्योंकि उनके घरों में खाने तक की समस्या हो गई है। भारद्वाज ने बताया कि एलजी (उपराज्यपाल) ने पहले उनकी तनख्वाह रोक दी थी, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बस मार्शलों के समर्थन में आवाज उठाई और एलजी को पत्र लिखा, लेकिन अब तक उनकी बहाली नहीं हो पाई है।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि जब तक एलजी बस मार्शलों की बहाली के आदेश नहीं देते, वे और सभी मंत्री व विधायक एलजी के पास जाएंगे और वहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि BJP को इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए और एलजी से कहे कि वे दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अनुरोध पर बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित करें।