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दिल्ली नगर निगम में आप की बड़ी टूट: स्थायी समिति की दावेदारी कमजोर, BJP को मिलेगा फायदा

दिल्ली नगर निगम में आप के पार्षदों के टूटने से पार्टी कमजोर हो गई है। महापौर पद खोने के बाद स्थायी समिति और वार्ड कमेटियों पर भी इसका असर पड़ा है। भाजपा की बढ़त से आप की दावेदारी कमजोर हुई है।

Delhi News: दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी (AAP) के 15 पार्षदों के टूटने से पार्टी की स्थिति बेहद कमजोर हो गई है। पहले ही आप ने महापौर और उपमहापौर के पद गंवा दिए हैं, अब स्थायी समिति और वार्ड कमेटियों में भी पार्टी की पकड़ कमजोर होती जा रही है। खासकर स्थायी समिति के चेयरमैन पद की दावेदारी पर भारी असर पड़ा है क्योंकि भाजपा कई वार्ड कमेटियों में बहुमत के करीब पहुंच चुकी है। साथ ही तीसरे मोर्चे के गठन से आप को बड़ा नुकसान होने वाला है।

आप की कमजोरी और भाजपा की बढ़त

स्थायी समिति के कुल 18 पदों में से 15 का चुनाव हो चुका है। इनमें आप के पास छह सदस्य हैं, जबकि भाजपा के पास नौ सदस्य हैं। आप के दो स्थायी समिति सदस्य जो वार्ड कमेटियों से चुने जाने वाले थे, उनकी दावेदारी भी अब कमजोर हो गई है। इस कारण, आप केवल निगम में विपक्ष की भूमिका तक सीमित रह सकती है।

दिल्ली नगर निगम की 12 वार्ड कमेटियों में से आप केवल दो कमेटियों में ही चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन बनाने की स्थिति में है। बाकी दस कमेटियों में भाजपा बहुमत के करीब या बहुमत के पास पहुंच चुकी है। यहां तीसरे मोर्चे के पार्षदों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि वे जिस पक्ष का समर्थन करेंगे, वही पक्ष वार्ड कमेटियों में प्रमुख बन पाएगा। हालांकि, यह माना जा रहा है कि टूटे हुए पार्षद फिलहाल आप का समर्थन नहीं करेंगे।

तीसरे मोर्चे से आप को बड़ा झटका

तीसरे मोर्चे का गठन खासकर दक्षिणी, पश्चिमी और रोहिणी जोन में आप के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इन तीन जोन में से कई पार्षद अब तीसरे मोर्चे के साथ हैं, जिससे आप की सत्ता को खतरा है। अब केवल करोल बाग और सिटी सदर पहाड़ गंज जोन ही आप के लिए सत्ता के लिए बचा हुआ है।

दक्षिणी जोन में कुल 23 पार्षद हैं, जिनमें भाजपा के छह और आप के 10 पार्षद बच गए हैं। यहां कांग्रेस और तीसरे मोर्चे के कुछ पार्षद भी शामिल हैं। पिछले चुनाव में 5 आप पार्षदों ने भाजपा का समर्थन किया था, जिससे भाजपा को फायदा मिला था। इसी तरह पश्चिमी जोन में 25 पार्षद हैं, जिसमें आप के 11, भाजपा के 8 और तीसरे मोर्चे के 4 पार्षद हैं। तीसरे मोर्चे के समर्थन से भाजपा यहां भी जीत सकती है।

रोहिणी जोन में आप के 11, भाजपा के 9, कांग्रेस के 1 और तीसरे मोर्चे के 1 पार्षद हैं। यदि दो पार्षद भाजपा का समर्थन करते हैं, तो भाजपा यहां भी बहुमत हासिल कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के संपर्क में कई पार्षद पहले से ही हैं।

मुकेश गोयल: तीसरे मोर्चे के नेता

तीसरे मोर्चे के अध्यक्ष मुकेश गोयल पांचवीं बार पार्षद हैं। वे पहले कांग्रेस के सदस्य थे और बाद में आप में शामिल हुए थे। उन्होंने 2022 के निगम चुनाव में आप की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्होंने नई पार्टी बनाई और अब तीसरे मोर्चे के नेतृत्व में हैं।

तीसरे मोर्चे में शामिल कई पार्षदों का पहले कांग्रेस से संबंध था, जैसे ऊषा शर्मा और हेमचंद गोयल।

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