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दिल्ली पुलिस के जवानों को मिलेगी इजरायली 'क्राव मागा' ट्रेनिंग, आत्मरक्षा कौशल होगा और मजबूत

दिल्ली पुलिस के जवानों को मिलेगी इजरायली 'क्राव मागा' ट्रेनिंग, आत्मरक्षा कौशल होगा और मजबूत
अंतिम अपडेट: 10 घंटा पहले

राजधानी दिल्ली में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और दक्षता को और अधिक उन्नत बनाने के लिए अब इजरायल की आत्मरक्षा तकनीक ‘क्राव मागा’ (Krav Maga) का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा।

नई दिल्ली: देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली पुलिस के सामने साल भर कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती रहती है। इस जिम्मेदारी को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए दिल्ली पुलिस अपने प्रशिक्षण और कौशल को समय-समय पर अपग्रेड करती रही है। राजधानी दिल्ली में पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और दक्षता को और अधिक उन्नत बनाने के लिए अब इजरायल की आत्मरक्षा तकनीक ‘क्राव मागा’ (Krav Maga) का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। पहले चरण में 50 पुलिसकर्मियों को पंचकूला स्थित आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर में भेजा गया है, जहां वे इस विशेष युद्धक कला में प्रशिक्षित हो रहे हैं।

क्या है क्राव मागा और क्यों है जरूरी?

क्राव मागा एक प्रभावी आत्मरक्षा तकनीक है, जिसे इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने विकसित किया था। यह मुक्केबाजी, जूडो, कराटे और कुश्ती जैसी विभिन्न मार्शल आर्ट्स की तकनीकों का संयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य हमलावर को तुरंत निष्क्रिय कर आत्मरक्षा करना है। दिल्ली पुलिस के जवान अक्सर ऐसे हालात का सामना करते हैं, जहां निहत्थे होने की वजह से वे अपराधियों के निशाने पर आ जाते हैं। 

हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें असामाजिक तत्वों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। ऐसे में क्राव मागा तकनीक पुलिसकर्मियों को बिना हथियार के भी खुद को सुरक्षित रखने और हमलावर को काबू में करने में मदद करेगी। दिल्ली पुलिस ने पहले चरण में 19 महिला पुलिसकर्मियों समेत 50 जवानों को पंचकूला स्थित आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर भेजा है। यहां इजरायली प्रशिक्षकों से प्रशिक्षित आईटीबीपी के विशेषज्ञ उन्हें ट्रेनिंग दे रहे हैं। इस प्रशिक्षण के बाद ये पुलिसकर्मी आगे आने वाले नए पुलिस बैच को प्रशिक्षित करेंगे।

ट्रेनिंग की मुख्य बातें

हथियारबंद और निहत्थे हमलों से बचाव
सड़क पर होने वाली अप्रत्याशित झड़पों से निपटने की रणनीति
चाकू, बंदूक और अन्य हथियारों से खुद की रक्षा करने की तकनीक
प्रतिद्वंद्वी को जल्दी और प्रभावी तरीके से काबू में करने के कौशल

तीन महीने चलेगा प्रशिक्षण, फिर होंगे नए बैच शामिल

दिल्ली पुलिस ने हर जिले और यूनिट से दो-दो पुलिसकर्मियों को इस ट्रेनिंग के लिए चुना है। प्रशिक्षण के पहले बैच को तीन महीने तक कैंप में रहकर गहन अभ्यास कराया जाएगा। इसके बाद दो और बैचों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे आने वाले समय में दिल्ली पुलिस के जवानों को आत्मरक्षा में और अधिक सक्षम बनाया जा सके।

दिल्ली पुलिस ने पहले एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) से इस विशेष ट्रेनिंग के लिए अनुरोध किया था, लेकिन स्थान और अन्य प्रशासनिक कारणों से एनएसजी ने यह जिम्मेदारी नहीं ली। इसके बाद आईटीबीपी (इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस) के महानिदेशक से संपर्क किया गया, जिन्होंने तुरंत सहमति दी और पंचकूला ट्रेनिंग कैंप में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की।

दिल्ली पुलिस का आत्मरक्षा कौशल होगा और मजबूत

दिल्ली पुलिस को राजधानी की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती हर समय रहती है। क्राव मागा ट्रेनिंग से पुलिसकर्मियों की फिजिकल फिटनेस और आत्मरक्षा कौशल में जबरदस्त सुधार होगा। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि वे नागरिकों की रक्षा में भी अधिक प्रभावी साबित होंगे। आने वाले समय में यह ट्रेनिंग दिल्ली पुलिस के सभी नए सिपाहियों और सब-इंस्पेक्टरों के लिए अनिवार्य कर दी जाएगी।

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