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Greater Noida: टॉयलेट सीट विस्फोट में युवक घायल, गैस विस्फोट की आशंका

ग्रेटर नोएडा के बीटा दो कोतवाली क्षेत्र में वेस्टर्न टॉयलेट सीट फटने से एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने मीथेन गैस के विस्फोट की आशंका जताई है। युवक को जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

UP News: ग्रेटर नोएडा के बीटा दो कोतवाली क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना हुई, जिसमें एक युवक वेस्टर्न टॉयलेट सीट के फटने से गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना शनिवार दोपहर करीब तीन बजे हुई। युवक ने शौच करने के बाद फ्लश चलाया, जिसके बाद टॉयलेट सीट धमाके के साथ फट गई। 

विस्फोट के कारण आग भी लग गई, जिससे युवक का चेहरा, हाथ, पैर और निजी अंग जल गए। धमाके के साथ युवक की चीख सुनकर उसके परिजन मौके पर पहुंचे और किसी तरह आग की चपेट से उसे बाहर निकाला, बाद में उसे जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मीथेन गैस के विस्फोट की आशंका

युवक के परिजनों ने इस हादसे के लिए मीथेन गैस के विस्फोट की आशंका जताई है। उनका कहना है कि शौचालय और किचन के बीच में शाफ्ट में एसी का एक्जास्ट लगाया गया है, और वहां एक ग्रीन बेल्ट भी है। वे मानते हैं कि सीवर पाइपलाइन में गैस एकत्रित होने के कारण यह घटना हो सकती है।

हालांकि, पुलिस ने इस सूचना की पुष्टि नहीं की है, और वे इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी इस घटना की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि विस्फोट के कारण क्या थे।

सीवर सिस्टम की समस्याएं

ACT (Active Citizen Team) के हरेंद्र भाटी का कहना है कि ग्रेटर नोएडा का सीवर सिस्टम प्रभावी नहीं है। पहले शौचालय में वेंट पाइप लगाया जाता था, ताकि सीवर से निकलने वाली मीथेन गैस बिना किसी नुकसान के वायुमंडल में चली जाए। लेकिन अब पाइप के अंदर ही मीथेन गैस फंसी रहती है, जिससे ऐसे विस्फोट हो सकते हैं। इसके अलावा, स्थानीय निवासी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि पी-थ्री गोलचक्कर के पास पिछले डेढ़ साल से सीवर लाइन टूटी हुई है, और अधिकारियों ने इसकी मरम्मत नहीं की है, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।

प्राधिकरण की प्रतिक्रिया

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि यह घटना पहली बार हुई है और प्राधिकरण इसकी जांच करेगा। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि विस्फोट के कारण क्या थे और आगे से इसे कैसे रोका जा सकता है।

विशेषज्ञ की राय

सीवर में कई तरह की गैसें उत्पन्न होती हैं, जैसे मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड आदि, जो एनोक्सीजेनिक डीकंपोजिशन प्रक्रिया के दौरान होती हैं। यह गैसें विस्फोट का कारण बन सकती हैं, जैसा कि इस घटना में हुआ। डॉ. विश्वास त्रिपाठी, कुलसचिव गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के अनुसार, सीवर गैसों के कारण ऐसे धमाके हो सकते हैं।

वेस्टर्न टॉयलेट का सुरक्षित उपयोग

  • सीवर पाइप चोक न हो – यह सुनिश्चित करें कि सीवर पाइप साफ और खुले हों।
  • फ्लशिंग की व्यवस्था सही हो – फ्लश सिस्टम की सही स्थिति में जांच करें।
  • लीकेज न हो – कोई लीकेज या पाइप में रिसाव नहीं होना चाहिए।
  • एक्सपर्ट की राय – यदि आपको किसी प्रकार की समस्या का सामना हो, तो एक्सपर्ट से सलाह लें।

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