अमित शाह और सीएम पटेल ने गुजरात में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की। पुलिस, जेल, कोर्ट, और फॉरेन्सिक से जुड़े प्रावधानों की स्थिति पर चर्चा हुई।
Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में राज्य में 3 नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन, और फॉरेन्सिक से संबंधित नए प्रावधानों के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। इस बैठक में गुजरात के गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, गुजरात के मुख्य सचिव, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
गुजरात सरकार की सराहना करते हुए अहम निर्देश
अमित शाह ने गुजरात सरकार द्वारा नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए कानूनों की आत्मा FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधानों में है। शाह ने गुजरात सरकार से 30 अप्रैल 2025 तक नए कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने मासिक, पाक्षिक और साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने की आवश्यकता जताई।
CCTNS 2.0 को अपनाने का प्रस्ताव
शाह ने गुजरात की पुलिस व्यवस्था के बारे में कहा कि राज्य को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) 2.0 को अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात ने 92% मामलों में चार्जशीट समय पर दाखिल की है, और बाकी मामलों में अधिनियम के तहत कोर्ट से अनुमति प्राप्त करने का प्रावधान अपनाना चाहिए।
जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग क्यूबिकल की आवश्यकता
अमित शाह ने नए कानूनों के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर दिया और कहा कि राज्य के गृह और स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक और फॉरेन्सिक साइंस लैब में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देने पर भी बल दिया।
प्रावधानों का दुरुपयोग रोकने के निर्देश
शाह ने कहा कि पुलिस को हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए। साथ ही, संगठित अपराध, आतंकवाद, और मॉब लिंचिंग के प्रावधानों के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने पुलिस थानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की गति बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
Trial In Absentia की शुरुआत की आवश्यकता
अमित शाह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत 'Trial In Absentia' के प्रावधान का उल्लेख किया और कहा कि भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए इसे लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
फॉरेन्सिक विशेषज्ञों की भर्ती पर जोर
शाह ने गुजरात द्वारा फॉरेन्सिक क्राइम मैनेजर की पहल की सराहना की और कहा कि अन्य राज्यों को भी यह पहल अपनानी चाहिए। उन्होंने फॉरेन्सिक विभाग में खाली पदों पर शीघ्र भर्ती करने का निर्देश दिया। साथ ही, लंबित फॉरेन्सिक मामलों को कैंपेन के जरिए निपटाने का प्रस्ताव भी दिया।
ई-प्रोसेसिंग की दिशा में गुजरात उच्च न्यायालय की पहल
अमित शाह ने गुजरात उच्च न्यायालय की पहल का भी उल्लेख किया, जिसमें 22 जनवरी 2025 को सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ई-प्रोसेसिंग शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। शाह ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है और अन्य राज्यों को भी इसे अपनाना चाहिए।