बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जो महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए काम करेगी।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां अब तेज हो गई हैं। महागठबंधन ने एक समन्वय समिति बनाने का फैसला किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य आगामी चुनावों के लिए चुनावी रणनीति तैयार करना और घटक दलों के बीच सामंजस्य बनाए रखना है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इस समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक सहयोगी दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे।
फिलहाल, भाकपा और माकपा ने अपनी ओर से अपने नाम राजद को सौंप दिए हैं, और 24 अप्रैल को प्रस्तावित बैठक से पहले समिति का गठन हो जाएगा। यह निर्णय महागठबंधन के घटक दलों के बीच चुनावी मोर्चे पर एकजुटता और समन्वय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
महागठबंधन में चुनावी तैयारी शुरू
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन चुनावों से पहले महागठबंधन ने अपनी चुनावी रणनीति और तैयारी को गति देने के लिए समन्वय समिति बनाने का निर्णय लिया है। यह समिति महागठबंधन के घटक दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करने, चुनावी मुद्दों पर विचार विमर्श करने और सबसे महत्वपूर्ण, चुनावी जंग के लिए एक साझा दृष्टिकोण तैयार करने में मदद करेगी। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली इस 12 सदस्यीय समिति में प्रत्येक घटक दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे, और यह समिति चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने का काम करेगी।
भाकपा-माकपा ने भेजे अपने नाम
महागठबंधन की समन्वय समिति के गठन में विभिन्न घटक दलों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सबसे पहले भाकपा और माकपा ने अपनी ओर से दो-दो नाम भेजे हैं, जिन्हें राजद के पास प्रस्तुत किया गया है। माकपा ने प्रदेश सचिव ललन चौधरी और विधायक दल के नेता अजय कुमार का नाम भेजा है, जबकि भाकपा ने प्रदेश सचिव रामनरेश पांडेय और रामबाबू कुमार के नाम भेजे हैं। इन नामों को अब राजद को सौंपा गया है, और समिति के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
महागठबंधन के अन्य घटक दलों से भी कुछ दिनों में नाम आने की संभावना है। कांग्रेस, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान पार्टी जैसे दलों द्वारा भेजे जाने वाले नामों से समिति का स्वरूप और भी स्पष्ट हो जाएगा।
तेजस्वी यादव की नेतृत्व में होगी समिति
समन्वय समिति के गठन में राजद के तेजस्वी यादव को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्य नेता हैं और उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि वह इस महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता करेंगे। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीतियों पर चर्चा करेगा और चुनावी मुद्दों पर एकजुटता बनाए रखने की कोशिश करेगा।
समिति का गठन इस तरह से किया जाएगा कि प्रत्येक घटक दल से दो-दो सदस्य शामिल होंगे। इससे महागठबंधन के सभी घटक दलों को अपनी राय और सुझाव देने का समान अवसर मिलेगा, और एक साझा चुनावी रणनीति तैयार की जा सकेगी। इसके अलावा, महागठबंधन के प्रत्येक दल का यह भी उद्देश्य होगा कि वे जनता के बीच अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखें और अगले चुनावों में जीत हासिल करें।
आलोक कुमार मेहता की भूमिका
समन्वय समिति के गठन की प्रक्रिया में राजद ने पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। आलोक कुमार मेहता का राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता महागठबंधन के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। उन्होंने अपनी पार्टी और समन्वय समिति के गठन में अहम भूमिका निभाई है, और उनकी विशेषज्ञता से यह समिति मजबूती से अपने कार्यों को पूरा कर सकेगी।
आलोक कुमार मेहता को इस समिति के गठन का दायित्व सौंपे जाने से यह साफ संकेत मिलता है कि राजद आगामी चुनावों में गंभीरता से अपनी तैयारी कर रहा है और अपनी राजनीतिक गतिविधियों को पूरी तरह से समन्वित करना चाहता है। महागठबंधन की यह समन्वय समिति आगामी चुनावी रणभूमि में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
सभी दलों के नाम भेजे जाने के बाद समिति का गठन
राजद के सूत्रों के अनुसार, 2-3 दिनों के भीतर कांग्रेस, भाकपा (माले) और विकासशील इंसान पार्टी की ओर से भी नाम भेजे जाने की उम्मीद है। इन दलों द्वारा नाम भेजे जाने के बाद, महागठबंधन की समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। राजद के दो सदस्य, जिनका चयन तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद की सहमति से होगा, इस समिति का हिस्सा होंगे। इसके बाद सभी दलों के नामों का मिलाकर, महागठबंधन एक साझा रणनीति और चुनावी दृष्टिकोण तैयार करने में सक्षम होगा।
समिति के गठन के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि 24 अप्रैल को इसकी पहली बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें महागठबंधन के सभी घटक दलों के प्रमुख नेता और सदस्य अपनी भूमिका तय करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
महागठबंधन की चुनावी ताकत
बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की ताकत बढ़ाने के लिए यह समन्वय समिति अहम भूमिका निभाएगी। महागठबंधन के प्रत्येक घटक दल को अपनी राय रखने और चुनावी मुद्दों पर मिलकर विचार करने का अवसर मिलेगा। यह समिति महागठबंधन को एकजुट रखेगी और विभिन्न दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य करेगी।
वहीं, महागठबंधन के साथ-साथ भाजपा और जदयू जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के साथ चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है। आगामी चुनावों में महागठबंधन को अपनी ताकत को सही दिशा में लगाना होगा, ताकि वे बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर सकें और भाजपा-जदयू के गठबंधन को चुनौती दे सकें।