हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में अंतर्द्वंद्व तेज हो गया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के बीच की नाराजगी को समाप्त करने के लिए अब कांग्रेस हाईकमान ने सक्रिय कदम उठाने का निर्णय लिया है। हाईकमान ने हुड्डा को स्पष्ट संदेश भेजा है कि उन्हें पार्टी के दिग्गज नेताओं को एक साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी संभालनी होगी।
New Delhi: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में पार्टी में चल रही आंतरिक खींचतान के चलते वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की नाराजगी खुलकर सामने आई है। इस स्थिति को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने त्वरित कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस हाईकमान ने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे हुड्डा को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उन्हें अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ समन्वय स्थापित करना होगा। साथ ही, यह भी बताया गया है कि सैलजा जैसे नेताओं की अनदेखी चुनावी रणनीति में नहीं की जा सकती।
खरगे की रैली पर निगरानी
पार्टी नेतृत्व ने सैलजा की शिकायतों का समाधान करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। अब सभी की निगाहें सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अंबाला में होने वाली रैली पर टिकी हुई हैं, जिसमें सैलजा के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है।
सिरसा से लोकसभा सदस्य सैलजा का अंबाला घर है, और यदि इस अवसर पर वह कांग्रेस अध्यक्ष की रैली में शामिल नहीं होतीं, तो इसका चुनावी परिणाम पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। अंबाला के अलावा, खरगे की सोमवार को घरौंदा में भी एक और रैली होने वाली है।
सैलजा को मनाने की जिम्मेदारी हुड्डा की
एक चुनावी रणनीतिकार ने कहा है कि प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में हुड्डा की यह जिम्मेदारी है कि वे सभी नेताओं की क्षमता का सही तरीके से उपयोग करें। हाईकमान के साथ बैठकों में हुड्डा ने इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता भी जताई थी। अब जब चुनाव अभियान में केवल दो हफ्ते का समय बचा है, तो खींचतान की ऐसी बातें पार्टी के हित में नहीं होती हैं।
सुरजेवाला को समझाने का प्रयास जारी
सूत्रों के अनुसार, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और हरियाणा के प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने सैलजा के साथ-साथ वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की शिकायतों को लेकर हुड्डा को समझाने का प्रयास किया है। दीपेंद्र हुड्डा को भी इसी तरह का संदेश दिया गया है। हालांकि, हुड्डा समर्थकों का कहना है कि वेणुगोपाल और पार्टी कोषाध्यक्ष अजय माकन भूपेंद्र-दीपेंद्र की चुनावी रणनीति का पूरा समर्थन कर रहे हैं।
दिल्ली में थीं कुमारी सैलजा
नाराजगी की चर्चाओं के बीच, कुमारी सैलजा रविवार दोपहर दिल्ली में मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने हरियाणा से आए अपने समर्थकों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। खरगे की अंबाला रैली में सैलजा के शामिल होने को लेकर उनके समर्थकों ने जानकारी दी कि रविवार दोपहर तक उन्हें इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं दी गई थी। हालांकि, दिल्ली पहुंचे समर्थकों ने यह संकेत दिया कि सैलजा के लिए रैली में शामिल होने का विकल्प खुला है।
सैलजा टिकट बंटवारे से हैं नाराज
सैलजा की नाराजगी टिकट बंटवारे के समय से ही स्पष्ट है, क्योंकि उम्मीदवारों के चयन में हुड्डा का प्रभुत्व देखने को मिला। कड़ी मेहनत के बाद लगभग एक दर्जन सैलजा समर्थकों को टिकट प्राप्त हुआ। फिलहाल, चुनाव अभियान का पूरा ढांचा भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा के नियंत्रण में है।
यह साफ है कि हरियाणा में पार्टी के अंदर वर्चस्व की इस लड़ाई में सैलजा को यह स्वीकार नहीं है कि हुड्डा अकेले कांग्रेस का नेतृत्व करें, और इसी कारण वह प्रचार अभियान से किनारा कर रही हैं।