Jaipur CNG Tanker Blast: जयपुर हादसे में अब तक 14 की मौत, 30 की हालत गंभीर, शवों की पहचान के लिए DNA जांच का सहारा

Jaipur CNG Tanker Blast: जयपुर हादसे में अब तक 14 की मौत, 30 की हालत गंभीर, शवों की पहचान के लिए DNA जांच का सहारा
Last Updated: 2 दिन पहले

जयपुर में हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 लोग घायल हैं। इनमें से 30 की हालत गंभीर बनी हुई है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। हादसे के बाद स्थिति बेहद गंभीर है।

Jaipur CNG Tanker Blast: जयपुर के भीषण अग्निकांड में मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 30 की हालत बेहद गंभीर है। घायलों की नाजुक स्थिति को देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट

दुर्घटना में कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने ऐसे शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया है। जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल की मोर्चरी से छह अज्ञात शवों के सैंपल लिए गए हैं। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि हादसे में जलकर खाक हुई बस का परमिट 16 महीने पहले ही खत्म हो चुका था।

हाई वे पर भयंकर हादसा

यह दर्दनाक हादसा 20 दिसंबर को सुबह करीब 6 बजे जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुआ। एक एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच जोरदार टक्कर के बाद हुए धमाके से आग की लपटों ने करीब 40 वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। कई भयावह वीडियो सामने आए, जिनमें जलकर खाक हो चुके शव और गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल ले जाते हुए दिखाया गया। आग की भयावहता इतनी थी कि आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

हादसे पर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने राजस्थान के मुख्य सचिव से 20 जनवरी तक हादसे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए एक संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है, जो हादसे के सभी पहलुओं, संबंधित निर्माण खामियों और विभागीय जिम्मेदारी की जांच करेगा। रिपोर्ट जल्द ही सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी।

मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा

राजस्थान सरकार ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 1 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है।

प्रशासनिक कार्रवाई पर नजर

घटना के बाद से हाईवे पर सुरक्षा प्रबंधन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों ने हादसे में शामिल वाहनों की स्थिति और हाईवे पर मौजूद सुरक्षा मानकों की भी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह हादसा न केवल सुरक्षा नियमों की अनदेखी का प्रमाण है, बल्कि सिस्टम की खामियों को भी उजागर करता है।

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