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निर्मला सीतारमण की नई टीम, वित्त मंत्रालय में चार नए सचिवों की नियुक्ति, केंद्र सरकार ने किया बड़ा फेरबदल

निर्मला सीतारमण की नई टीम, वित्त मंत्रालय में चार नए सचिवों की नियुक्ति, केंद्र सरकार ने किया बड़ा फेरबदल
अंतिम अपडेट: 9 घंटा पहले

केंद्र सरकार ने मंत्रालयों में बड़े फेरबदल के तहत 18 नए सचिवों की नियुक्ति की है, जो सरकार के विभिन्न विभागों को नई दिशा और गति देने के उद्देश्य से किए गए हैं। सरकार ने वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभागों, जैसे कि व्यय, आर्थिक मामले, राजस्व और सार्वजनिक उद्यम, में नए सचिवों की नियुक्ति की है।

नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक बार फिर अपने प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव किए हैं। वित्त मंत्रालय समेत कई मंत्रालयों में 18 नए सचिवों की नियुक्ति की गई है। इस फेरबदल से सरकार का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देना और विभिन्न विभागों में नई ऊर्जा का संचार करना है। खासतौर पर, वित्त मंत्रालय के चार प्रमुख विभागों में नए सचिवों की नियुक्ति की गई है, जिनमें व्यय, आर्थिक मामले, राजस्व और सार्वजनिक उद्यम शामिल हैं। 

यह कदम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि सरकार के आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू किया जा सके और वैश्विक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की जा सके।

वित्त मंत्रालय में हुए बड़े बदलाव

सरकार ने वित्त मंत्रालय में जो बड़े बदलाव किए हैं, उनसे यह संकेत मिलता है कि अब सरकार अपने आर्थिक सुधारों और नीतियों को एक नई दिशा देने की कोशिश कर रही है। नए सचिवों की नियुक्ति से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार ने एक मजबूत और अनुभवी टीम बनाई है, जो अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करेगी।

1. वी. वुआलनाम

वी. वुआलनाम को व्यय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे मनोज गोविल की जगह लेंगे, जिन्हें कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) बनाया गया है। वुआलनाम एक अनुभवी अधिकारी हैं, जिन्होंने पहले आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया है। उनके पास वित्तीय मामलों और सरकारी खर्चों के प्रबंधन का गहरा अनुभव है, जो उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक उपयुक्त चयन बनाता है।

2. अरविंद श्रीवास्तव

अरविंद श्रीवास्तव को राजस्व विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। वे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में वरिष्ठ पद पर काम कर रहे थे और उनके पास सरकार के आर्थिक मामलों से संबंधित गहरी समझ है। उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि सरकार टैक्स और राजस्व से जुड़ी नीतियों में तेजी से सुधार लाने का प्रयास कर रही है।

3. अनुराधा ठाकुर

अनुराधा ठाकुर को आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। वे अजय सेठ की जगह लेंगी, जो मई के अंत में रिटायर हो रहे हैं। ठाकुर के पास कॉर्पोरेट मामलों और सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़ा व्यापक अनुभव है। उन्होंने पहले डीआईपीएएम में एयर इंडिया के निजीकरण की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

4. के. मोसेस चालई

के. मोसेस चालई को सार्वजनिक उद्यम विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। वे पहले अंतर-राज्य परिषद में काम कर रहे थे और अब उन्हें सार्वजनिक उद्यमों के प्रबंधन और सुधार के लिए जिम्मेदार बनाया गया है। उनके पास सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने का व्यापक अनुभव है।

सरकार के अन्य विभागों में भी हुआ फेरबदल

वित्त मंत्रालय के अलावा, केंद्र सरकार ने अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों में भी बदलाव किए हैं। वाणिज्य मंत्रालय में राजेश अग्रवाल को वाणिज्य सचिव नियुक्त किया गया है। अग्रवाल 1994 बैच के अधिकारी हैं और उन्होंने पहले वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में काम किया है। वे अमेरिकी टैरिफ नीति और भारत के व्यापार समझौतों पर महत्वपूर्ण बातचीत कर रहे हैं। 

उनके पास वैश्विक व्यापार मामलों का गहरा अनुभव है, जो इस समय बेहद अहम है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय में समीर सिन्हा को सचिव नियुक्त किया गया है। 

सिन्हा 1994 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी हैं और वे अब देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को नई दिशा देंगे। इसके अलावा, ओडिशा के संतोष कुमार सारंगी को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का सचिव बनाया गया है। उन्हें ऊर्जा क्षेत्र में भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नई योजनाओं पर काम करना होगा।

सरकार की रणनीति और उद्देश्य

यह फेरबदल ऐसे समय में किया गया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों का सामना कर रही है। सरकार का उद्देश्य इन बदलावों के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती देना और विकास को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नई टीम की नियुक्ति इस बात का संकेत देती है कि सरकार अपनी आर्थिक नीतियों में तेजी लाने की कोशिश कर रही है।

इस नए प्रशासनिक बदलाव का एक और प्रमुख उद्देश्य यह भी हो सकता है कि सरकार को विभिन्न विभागों में सुधार लाने के लिए नए दृष्टिकोण और रणनीतियों की आवश्यकता है। इस टीम के पास हर क्षेत्र में व्यापक अनुभव है, और यह उम्मीद की जाती है कि ये अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को निष्ठा और लगन से निभाएंगे।

नए सचिवों के सामने आने वाली चुनौतियाँ

भारत की अर्थव्यवस्था इन दिनों कई चुनौतियों का सामना कर रही है। वैश्विक मंदी का खतरा और महंगाई की बढ़ती दर जैसे मुद्दों से निपटना एक बड़ी चुनौती होगा। इसके अलावा, व्यापारिक तनावों और व्यापार समझौतों को लेकर सरकार को कई अंतरराष्ट्रीय दबावों का भी सामना करना पड़ सकता है। इन नए सचिवों को इन समस्याओं से निपटने के लिए नई नीतियां और रणनीतियाँ तैयार करनी होंगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति में कोई कमी न आए, और देश के विकास के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं।

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