लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का रास्ता अब साफ हो गया है। नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दे दी है और इसे अगले हफ्ते संसद में पेश करने की योजना है। इससे पहले कैबिनेट ने राम नाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को स्वीकृत किया था।
One Nation One Election: नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने आज वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का मार्ग प्रशस्त करेगा। सरकार इसे अगले हफ्ते संसद में पेश करने की योजना बना रही है। इससे पहले, कैबिनेट ने रामनाथ कोविंद समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को भी स्वीकृत किया था।
विधेयक पर आम सहमति बनाने की योजना
अब सरकार इस विधेयक पर आम सहमति बनाने का प्रयास कर रही है और इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेजने की योजना है। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी और अन्य हितधारकों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करेगी। संभावित तौर पर देशभर के बुद्धिजीवियों और राज्यों के विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी राय ली जा सकती है।
सरकार के सामने चुनौती
“एक राष्ट्र एक चुनाव” योजना को लागू करने के लिए कम से कम छह विधेयक संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी। एनडीए के पास संसद के दोनों सदनों में साधारण बहुमत है, लेकिन किसी भी सदन में दो-तिहाई बहुमत हासिल करना एक कठिन काम हो सकता है। राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत के लिए सरकार को 164 वोट चाहिए, जबकि लोकसभा में इसे 364 तक पहुंचाना होगा।
विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने इस विचार को अव्यावहारिक बताया है और चुनाव आयोग के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर इशारा किया है। विपक्ष सरकार को सीधे तौर पर घेर रहा है, जो इस मामले पर विस्तार से चर्चा करने की आवश्यकता मानता है।