मोदी सरकार ने देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इस योजना के समर्थन में उठाए गए इस कदम के बाद कांग्रेस ने अपनी आपत्ति व्यक्त की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह योजना लोकतंत्र की मूलभूत प्रकृति के खिलाफ है और इसका लोकतांत्रिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
One Nation One Election: मोदी सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिससे देश में एक साथ चुनाव कराने की राह आसान हो गई है। इस कदम के बाद कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें पार्टी ने इस योजना पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस का कहना है कि यह योजना लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने दिया बयान
मल्लिकार्जुन खरगे ने एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए उपयुक्त नहीं है। उनके अनुसार, लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए चुनावों को समय-समय पर, आवश्यकतानुसार आयोजित किया जाना चाहिए। उनका यह बयान चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्रता और लचीलापन बनाए रखने के महत्व को उजागर करता है।
क्या है One Nation One Election ?
"One Nation, One Election" (एक राष्ट्र, एक चुनाव) का तात्पर्य एक ही समय पर देशभर के सभी चुनावों को आयोजित करने से है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है। इस अवधारणा के तहत, सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे, ताकि बार-बार चुनावों की वजह से सरकारी कामकाज पर पड़ने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।