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PM मोदी का संकल्प, मिथिलांचल से आतंकवाद के खिलाफ देंगे जनघोषणा

PM मोदी का संकल्प, मिथिलांचल से आतंकवाद के खिलाफ देंगे जनघोषणा
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मिथिलांचल से शुरू होने वाले "जयघोष कार्यक्रम" पर अब पहलगाम आतंकी हमले का गहरा असर दिखने लगा है। जिस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह की अगुवाई में जोर-शोर से लॉन्च किया जाना था, उस पर अब संवेदनशीलता का आवरण डाल दिया गया है

PM Modi statement on Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की चुभन पूरे देश ने महसूस की, लेकिन अब उस पीड़ा की गूंज बिहार के मिथिलांचल तक आ पहुँची है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को झंझारपुर आगमन महज़ एक सरकारी दौरा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय शोक, प्रतिबद्धता और आतंक के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष की सार्वजनिक घोषणा बन गया है।

इस बार ना ढोल बजेंगे, ना स्वागत-सम्मान की परंपरा निभेगी। मिथिला की धरती पर पहली बार ऐसा होगा कि प्रधानमंत्री के आगमन पर मखाना की माला, पारंपरिक पाग और सम्मान चादर को प्रतीकात्मक रूप से रोका गया है। यह निर्णय न सिर्फ़ पहलगाम हमले के प्रति संवेदना का प्रतीक है, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध देश की एकजुटता और गंभीरता का सार्वजनिक संदेश भी है।

न शोर, न उत्सव—केवल संकल्प

झंझारपुर के ऐतिहासिक मैदान में गुरुवार को आयोजित यह जनसभा अब ‘शोक सभा’ का रूप ले चुकी है। गीत-संगीत, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, रंग-बिरंगे पोस्टर इन सबकी जगह अब मौन श्रद्धांजलि, सादे मंच और गंभीर भाषण ने ले ली है। प्रधानमंत्री का यह दौरा अब महज एक प्रशासनिक औपचारिकता न होकर भावनाओं की तीव्रता और संकल्प की ऊंचाई का उदाहरण बन चुका है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ही पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा, 'यह समय उत्सव का नहीं, उत्तर देने का है। आतंक का जवाब, विकास और एकजुटता से देंगे। मिथिलांचल की इस पवित्र धरती से मैं आतंक के समर्थकों को स्पष्ट संदेश देता हूँ, भारत चुप नहीं रहेगा।

साधारण कार्यक्रम, असाधारण संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पंचायती राज से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें मखाना बोर्ड का गठन, जल-जीवन मिशन के तहत नई परियोजनाएँ और मनरेगा के अंतर्गत नए रोजगार अवसर शामिल हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष राहत पैकेज के तहत 12,000 करोड़ रुपये के प्रावधान की भी जानकारी दी गई।

वहीं, ‘नमो भारत एक्सप्रेस’ यानी वंदे मेट्रो को सादगीपूर्वक हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मंच पर कोई फूल-माला, बैंड-बाजा या विशेष सजावट नहीं थी बस एक सादा झंडा और जनता की मौन सहमति।

सुरक्षा के बीच संकल्प

इस जनसभा की सुरक्षा व्यवस्था भी पहले से कहीं अधिक कड़ी थी। स्थानीय प्रशासन, केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ और विशेष बल पूरी तरह मुस्तैद रहे। परंतु इसके बीच पीएम मोदी के आत्मविश्वास और जनता के विश्वास में कोई कमी नहीं आई। प्रधानमंत्री ने कहा, सुरक्षा केवल हथियारों से नहीं, इरादों से होती है। और भारत का इरादा आज पहले से कहीं ज़्यादा स्पष्ट और अडिग है।

राजनीतिक नज़रिए से भी महत्वपूर्ण दौरा

हालाँकि इस जनसभा को पहलगाम के कारण शोक सभा का स्वरूप मिला, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी कम नहीं हैं। मिथिलांचल की 60 विधानसभा सीटें बिहार के चुनावी गणित में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 2020 में इनमें से 40 सीटों पर एनडीए का कब्जा था। मिशन 2025 के तहत इस बार बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की नजर मिथिलांचल की सम्पूर्ण फतह पर है।

विशेष रूप से सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा जैसे जिले जहाँ एनडीए और राजद की सीधी टक्कर है—वहाँ इस सभा से भावनात्मक जुड़ाव और सुरक्षा को लेकर भरोसा स्थापित करना प्रमुख लक्ष्य रहा।

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