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सपा सांसद रामजीलाल सुमन को जान का खतरा! हाईकोर्ट से की Z श्रेणी सुरक्षा की मांग

सपा सांसद रामजीलाल सुमन को जान का खतरा! हाईकोर्ट से की Z श्रेणी सुरक्षा की मांग
अंतिम अपडेट: 10-04-2025

सपा सांसद और उनके बेटे, पूर्व विधायक रंजीत सुमन ने अपनी सुरक्षा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने याचिका दाखिल कर यह मांग की है कि हाल ही में हुए हमलों और मिल रही धमकियों के मद्देनज़र उन्हें केंद्रीय सुरक्षा प्रदान की जाए। 

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और उनके बेटे, पूर्व विधायक रंजीत सुमन ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है और केंद्र सरकार से विशेष सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की गुहार लगाई है। यह कदम तब उठाया गया है जब आगरा स्थित उनके आवास पर हाल ही में हमला हुआ और उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं।

याचिका में सांसद सुमन ने न सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा, बल्कि अपने पूरे परिवार और आवास की भी कड़ी सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार उन्हें "Z श्रेणी" की सुरक्षा प्रदान करे, ताकि जान-माल की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

राणा सांगा पर टिप्पणी के बाद बढ़ा विवाद

रामजीलाल सुमन पिछले कुछ समय से राणा सांगा को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर विवादों में घिरे हुए हैं। उनके बयान के बाद कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, जिसके बाद आगरा स्थित उनके घर पर हमले और तोड़फोड़ की घटना हुई। याचिका में 12 अप्रैल को आगरा में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।

CBI या SIT जांच की मांग

सुमन परिवार ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया है कि उनके घर पर हुए हमले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए CBI या विशेष जांच टीम (SIT) के गठन की मांग की है। उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई अब तक नाकाफी रही है। यह याचिका हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में जस्टिस राजीव गुप्ता की अध्यक्षता में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। मामले में सांसद की ओर से सीनियर एडवोकेट इमरान उल्ला और एडवोकेट विनीत विक्रम कोर्ट के समक्ष पक्ष रखेंगे।

सुमन बोले- 'बयान पर कायम हूं, डर से झुकूंगा नहीं'

विवाद के बावजूद सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा है कि वे अपने बयान पर अब भी कायम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डराने-धमकाने से वो झुकने वाले नहीं हैं, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्होंने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है। इस याचिका पर आने वाले हफ्ते में सुनवाई की उम्मीद है। देखना होगा कि अदालत सुमन परिवार की सुरक्षा को लेकर क्या दिशा-निर्देश देती है और क्या केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां इसमें हस्तक्षेप करती हैं।

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