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AMCA और Tejas Mk2 से चीन-पाक को टक्कर देगा भारत, वायुसेना होगी और मजबूत

AMCA और Tejas Mk2 से चीन-पाक को टक्कर देगा भारत, वायुसेना होगी और मजबूत
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

भारत अब विदेशी जेट्स पर निर्भर नहीं रहेगा। स्वदेशी (AMCA) और (Tejas Mk2) जैसे फाइटर जेट्स से वायुसेना को मजबूती मिलेगी, जिससे चीन-पाकिस्तान को टक्कर दी जाएगी।

AMCA -Tejas Mk2: भारत अब अपनी वायुसेना को और सशक्त बनाने के लिए पूरी तरह से स्वदेशी फाइटर जेट्स पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस कदम से भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, साथ ही विदेशों पर निर्भरता भी कम होगी।

भारत ने पहले Multi-Role Fighter Aircraft (MRFA) प्रोजेक्ट के तहत विदेशी जेट्स जैसे F-35, Su-57, और F-21 खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन ये योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाईं। इस देरी के कारण भारत ने अब निर्णय लिया है कि वह अपने स्वदेशी AMCA और Tejas Mk2 फाइटर जेट्स पर ज्यादा ध्यान देगा।

AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) भारत का पहला स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसे DRDO और HAL मिलकर तैयार कर रहे हैं। यह जेट रडार से बचने की क्षमता रखता है और इसके supercruise technology, AI-based systems और advanced weaponry के साथ यह multi-role capabilities प्रदान करेगा। Air-to-air, air-to-ground और surveillance missions को एक साथ अंजाम देने की क्षमता वाले इस जेट का पहला प्रोटोटाइप 2026 तक आने की उम्मीद है।

वहीं, Tejas Mk2 एक अपग्रेडेड वर्जन है Tejas का, जो 4वीं पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट होगा। इसमें ज्यादा ताकतवर इंजन, बेहतर रडार और अधिक हथियार ले जाने की क्षमता होगी। Tejas Mk2 का उत्पादन 2025 के बाद शुरू होने की उम्मीद है, और यह Mig-29, Jaguar, Mirage 2000 जैसे पुराने विमानों की जगह लेगा।

भारत का आत्मनिर्भर उद्देश्य

भारत के पास फिलहाल 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि आवश्यकता 42.5 स्क्वाड्रन की है। पुराने Mig-21 विमानों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है, और इसके स्थान पर स्वदेशी फाइटर जेट्स जैसे AMCA और Tejas Mk2 का निर्माण किया जा रहा है। यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने और किसी भी विदेशी जेट्स पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा।

Make in India और Atmanirbhar Bharat के तहत भारत की सरकार और रक्षा मंत्रालय इन स्वदेशी फाइटर जेट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे global defense market में भी भारत की स्थिति मजबूत होगी।

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