अमेरिका हर साल 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन 1776 में ब्रिटेन से आजादी की घोषणा का प्रतीक है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी भी इसी आजादी का वैश्विक प्रतीक बना।
4 July: अमेरिका में हर साल 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जाता है। यह दिन वर्ष 1776 में ब्रिटेन से आजादी की घोषणा की याद दिलाता है। इसी दिन अमेरिका की 13 ब्रिटिश कॉलोनियों ने खुद को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था। इस दिन को अमेरिकी लोग आजादी, लोकतंत्र और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। यह राष्ट्रीय अवकाश होता है और देशभर में जश्न, परेड, आतिशबाजी और पारिवारिक आयोजनों का माहौल रहता है।
भारत और अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस में समानता
जिस तरह भारत 15 अगस्त को ब्रिटिश शासन से मुक्ति का उत्सव मनाता है, उसी तरह अमेरिका 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन दोनों देशों में आजादी की भावना और राष्ट्र की गरिमा को सलाम करने का प्रतीक होता है। हालांकि दोनों देशों की आजादी के तरीके और समय अलग हैं, लेकिन उद्देश्य एक ही है – अपनी जनता को स्वतंत्र और स्वशासित बनाना।
कॉलोनियों की सरकारें और ब्रिटेन से असंतोष
1776 से पहले अमेरिका के पूर्वी तट पर 13 कॉलोनियां ब्रिटेन के अधीन थीं। इनकी अपनी स्थानीय सरकारें थीं लेकिन सारे प्रमुख फैसले ब्रिटिश संसद और राजा द्वारा ही लिए जाते थे। जब ब्रिटिश सरकार ने कॉलोनियों पर टैक्स लगाना और प्रशासनिक नियंत्रण बढ़ाना शुरू किया तो असंतोष बढ़ने लगा। कॉलोनीवासियों को लगने लगा कि अब उन्हें अपने फैसले खुद लेने चाहिए।
स्वतंत्रता की घोषणा कैसे हुई
4 जुलाई 1776 को फिलाडेल्फिया में कॉन्टिनेंटल कांग्रेस (Continental Congress) के प्रतिनिधियों ने स्वतंत्रता की घोषणा (Declaration of Independence) को मंजूरी दी। इस दस्तावेज को थॉमस जेफरसन ने मुख्य रूप से तैयार किया था। इसमें बताया गया कि अमेरिका की कॉलोनियां अब स्वतंत्र राष्ट्र हैं और ब्रिटेन के अधीन नहीं रहेंगी। हालांकि यह सिर्फ घोषणा थी। वास्तविक आजादी पाने के लिए अमेरिका को कई सालों तक ब्रिटेन से युद्ध करना पड़ा। अंततः 3 सितंबर 1783 को 'पेरिस की संधि' (Treaty of Paris) के तहत ब्रिटेन ने अमेरिका की आजादी को औपचारिक रूप से मान्यता दी।
राष्ट्रीय अवकाश कैसे बना 4 जुलाई
4 जुलाई को पहली बार 1870 में अमेरिकी कांग्रेस ने संघीय कर्मचारियों के लिए एक बिना वेतन वाला अवकाश घोषित किया था। बाद में 1938 में इसे वेतन सहित राष्ट्रीय अवकाश में बदल दिया गया। आज यह अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला दिन बन चुका है। इस दिन सरकारी और अधिकांश निजी दफ्तर बंद रहते हैं।
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का अमेरिका से क्या है संबंध
अमेरिका की आजादी के 108 साल बाद, यानी 1884 में फ्रांस ने अमेरिका को स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) उपहार में दिया। यह मूर्ति स्वतंत्रता और लोकतंत्र का वैश्विक प्रतीक बन गई है। स्टैच्यू को फ्रांसीसी मूर्तिकार फ्रेडरिक ऑगुस्ते बार्थोल्डी ने डिजाइन किया और इसके आंतरिक ढांचे को गुस्ताव एफिल ने तैयार किया था, जिन्होंने पेरिस का एफिल टॉवर भी बनाया। यह मूर्ति रोमन देवी 'लिबर्टास' की छवि पर आधारित है, जो स्वतंत्रता की देवी मानी जाती हैं।
मूर्ति की बनावट और स्थापना
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी पूरी तरह से तांबे से बनी है और इसे 350 टुकड़ों में पैक करके जहाज के माध्यम से न्यूयॉर्क लाया गया था। इसे 28 अक्टूबर 1886 को न्यूयॉर्क हार्बर के बेडलो द्वीप (अब लिबर्टी द्वीप) पर स्थापित किया गया। यह मूर्ति न केवल अमेरिका की आजादी की कहानी कहती है बल्कि उन लाखों प्रवासियों के लिए भी उम्मीद की किरण बन गई जो एक नए जीवन की तलाश में अमेरिका पहुंचे।
अमेरिका में 4 जुलाई को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। दिन की शुरुआत देशभक्ति गीतों और परेड के साथ होती है। शहरों और कस्बों में भव्य आतिशबाजी का आयोजन होता है। लोग अपने घरों में बारबेक्यू पार्टी, मेल-जोल और पारिवारिक भोजन का आयोजन करते हैं। पार्कों और सामुदायिक स्थानों पर खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। यह दिन हर नागरिक को लोकतांत्रिक मूल्यों की याद दिलाता है।