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Guru Purnima 2025: इस गुरु पूर्णिमा पर बदल सकता है भाग्य, जानिए उपाय

Guru Purnima 2025: इस गुरु पूर्णिमा पर बदल सकता है भाग्य, जानिए उपाय

इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा। यह दिन केवल संतों और अध्यापकों को समर्पित नहीं है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी बेहद खास माना जाता है। खास बात यह है कि इस बार गुरु पूर्णिमा गुरुवार को पड़ रही है, जो खुद बृहस्पति ग्रह का दिन होता है। इस संयोग को अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में गुरु दोष है, उनके लिए यह दिन एक बड़ा अवसर बनकर आया है।

गुरु ग्रह को वैदिक ज्योतिष में सबसे शुभ ग्रह माना गया है। इन्हें देवताओं का गुरु कहा गया है, और इनका प्रभाव शिक्षा, करियर, विवाह, संतान, स्वास्थ्य, भाग्य और आध्यात्मिक उन्नति पर गहराई से पड़ता है।

कैसे पहचानें कुंडली में गुरु दोष

ज्योतिष के अनुसार, अगर जन्मकुंडली में गुरु अशुभ भाव में बैठा हो, शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो, या फिर राहु-केतु या शनि के साथ युति में हो, तो इसे गुरु दोष कहा जाता है। गुरु अगर नीच राशि में हो, वक्री हो या अस्त हो जाए तो भी वह कमजोर हो जाता है।

इस दोष के कारण जातक को जीवन में कई तरह की बाधाएं आती हैं

  • शिक्षा में बार-बार रुकावट
  • करियर में ग्रोथ न होना
  • विवाह में विलंब या संबंधों में टूटन
  • संतान प्राप्ति में समस्या
  • अचानक धन हानि या आर्थिक संकट
  • निर्णय लेने में भ्रम और आत्मविश्वास की कमी
  • आध्यात्मिक दिशा में रुकावट

गुरु पूर्णिमा पर इन उपायों से करें गुरु को प्रसन्न

गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु ग्रह की कृपा पाने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। नीचे कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो इस दिन करने से शुभ फल दे सकते हैं:

गुरुवार व्रत की शुरुआत करें

गुरु पूर्णिमा पर व्रत रखकर विष्णु भगवान और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें। इस दिन से लगातार पांच गुरुवार तक व्रत करने का संकल्प लें। हर गुरुवार पीले वस्त्र पहनें, पीले फूलों से पूजा करें और पीली मिठाई का भोग लगाएं।

पीली चीजों का दान करें

गुरु ग्रह पीले रंग से संबंधित है, इसलिए इस दिन पीली दाल, हल्दी, केला, पीले वस्त्र और पीले फूलों का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। किसी गरीब ब्राह्मण को भोजन कराना या पीले वस्त्र देना भी फलदायी होता है।

केले के पेड़ की पूजा करें

गुरु पूर्णिमा की सुबह स्नान करके केले के पेड़ के नीचे जाएं। जल में थोड़ा हल्दी मिलाकर पेड़ को अर्पित करें। पीले फूल, चने की दाल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। इस दौरान ‘ॐ बृं बृहस्पते नम:’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होने लगती हैं।

गुरु यंत्र की स्थापना करें

जिन छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही हो या जिनका करियर ठहर गया हो, उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन अपने घर में गुरु यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। पूजा स्थल पर यंत्र को रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। यह यंत्र ज्ञान, धन और शांति को आकर्षित करता है।

विद्वानों और गुरुजनों का सम्मान करें

गुरु पूर्णिमा केवल देवताओं के गुरु की पूजा का दिन नहीं है, बल्कि अपने जीवन में मौजूद गुरुओं, शिक्षकों और बड़ों के प्रति आभार जताने का भी अवसर है। इस दिन उन्हें सम्मान देना, चरण स्पर्श करना और उनसे आशीर्वाद लेना गुरु ग्रह को बल देने में मदद करता है।
खास मंत्र जाप करें

गुरु पूर्णिमा के दिन निम्न मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ होता है

ॐ बृं बृहस्पते नमः

इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। संभव हो तो पीले आसन पर बैठकर पीली माला से यह जाप करें। यह न केवल गुरु ग्रह को शांत करता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा भी बढ़ाता है।

ब्राह्मण भोजन कराएं और गौसेवा करें

गुरु पूर्णिमा पर ब्राह्मणों को ससम्मान भोजन कराने की परंपरा रही है। साथ ही गौसेवा भी गुरु ग्रह को प्रसन्न करने का एक बड़ा उपाय माना गया है। गौशाला जाकर गायों को चारा या गुड़ खिलाएं।

शिक्षा और संतान को लेकर परेशान हैं तो करें ये उपाय

अगर कुंडली में गुरु दोष के कारण संतान से जुड़ी समस्या चल रही है, तो इस दिन पीले फल (जैसे आम या केला) गरीब बच्चों को बांटें। छात्रों को भी पेंसिल, किताबें या पढ़ाई से जुड़ी सामग्री भेंट करें। इससे गुरु ग्रह से संबंधित कष्ट कम होने लगते हैं।

तुलसी के पौधे में जल न चढ़ाएं

गुरु पूर्णिमा पर शिव या विष्णु की पूजा के साथ तुलसी का प्रयोग न करें। तुलसी का संबंध गुरु ग्रह से नहीं होता और कुछ विशेष स्थितियों में यह वर्जित मानी जाती है।

गुरु की कृपा से संवरता है जीवन

गुरु ग्रह की स्थिति जब कुंडली में अनुकूल होती है, तब व्यक्ति के जीवन में चमत्कारी बदलाव देखने को मिलते हैं। ज्ञान, करियर, विवाह और भाग्य के क्षेत्रों में तेजी से उन्नति होती है। इसलिए गुरु पूर्णिमा जैसे दिन पर किए गए उपाय विशेष रूप से प्रभावशाली माने जाते हैं। यह दिन बृहस्पति देव को मनाने का एक शुभ अवसर है, जो व्यक्ति के भाग्य का दरवाज़ा खोल सकता है।

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