अजा एकादशी 2025 भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु-लक्ष्मी की पूजा, व्रत और तुलसी जप से सुख-समृद्धि, मोक्ष और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
Aja Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर माह दो एकादशी आती हैं, लेकिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आने वाली अजा एकादशी का महत्व सबसे अलग माना गया है। साल 2025 में अजा एकादशी 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी का व्रत और पूजा विधि
अजा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान पीले रंग के फल और पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है। साथ ही आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। इस दिन व्रतधारी को केवल सात्त्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए और अनाज, प्याज, लहसुन जैसी चीजों का परहेज करना चाहिए।
व्रत का फल और धार्मिक मान्यता
शास्त्रों में वर्णन है कि जो भक्त अजा एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा और नियम से करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मां लक्ष्मी की विशेष कृपा से परिवार में दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य की वृद्धि होती है। माना जाता है कि यह व्रत हजारों अश्वमेध यज्ञ और सैकड़ों राजसूय यज्ञ करने के बराबर फलदायी है।
तुलसी माता की महिमा
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि तुलसी माता भगवान विष्णु को सबसे प्रिय हैं। अजा एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर उनके नामों का जप करने से पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है। तुलसी के 108 नामों का स्मरण साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है।
तुलसी माता के कुछ प्रमुख नाम
तुलसी के नामों का जाप करने से साधक को आध्यात्मिक बल मिलता है। यहां तुलसी माता के कुछ प्रमुख नाम दिए जा रहे हैं जिनका जाप अजा एकादशी के दिन अवश्य करना चाहिए।
ॐ श्री तुलस्यै नमः
ॐ नन्दिन्यै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ शिखिन्यै नमः
ॐ धात्र्यै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ कालहारिण्यै नमः
ॐ पद्मिन्यै नमः
ॐ सीतायै नमः
ॐ रुक्मिण्यै नमः
ॐ प्रियभूषणायै नमः
ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः
ॐ कृष्णायै नमः
ॐ भक्तवत्सलायै नमः
ॐ हरायै नमः
इन्हीं की तरह तुलसी माता के कुल 108 नाम हैं, जिनका जाप करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
अजा एकादशी और दान का महत्व
धार्मिक शास्त्रों में दान को सर्वोच्च कर्म बताया गया है। अजा एकादशी के दिन दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है। अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, फल, जल और धन का दान करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन किया गया दान दस गुना फल देता है।