एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने उन्हें आरएसएस से जुड़ा बताते हुए विपक्षी दलों से मजबूत रणनीति बनाने और एकजुट होकर फैसला लेने की अपील की है।
VP Nomination: एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह फैसला भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद रविवार को घोषित किया गया। इसके साथ ही विपक्ष और कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा ने एक बार फिर आरएसएस से जुड़े व्यक्ति को एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर लाने की कोशिश की है।
टैगोर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और लोकसभा स्पीकर के बाद अब उपराष्ट्रपति पद भी "संरक्षण की लड़ाई" का हिस्सा बन गया है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक से अपील की कि वे इस पर जल्द से जल्द रणनीति बनाएं और निर्णय लें।
मणिकम टैगोर का बयान और विपक्ष की नाराजगी
कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर का कहना है कि यह सिर्फ उपराष्ट्रपति का चुनाव नहीं है बल्कि संवैधानिक संस्थानों की स्वतंत्रता और संतुलन की लड़ाई भी है। उनके अनुसार भाजपा लगातार ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठा रही है जिनका सीधा संबंध आरएसएस से रहा है।
उन्होंने लिखा कि "भारत के उपराष्ट्रपति। प्रधानमंत्री और स्पीकर के बाद अब एक और संस्थान... रक्षा के लिए एक और लड़ाई। आशा है कि इंडिया ब्लॉक निर्णय लेगा।" टैगोर के इस बयान को कांग्रेस के भीतर व्यापक समर्थन मिला है और पार्टी के अन्य नेता भी भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। हालांकि अभी तक विपक्ष ने यह साफ नहीं किया है कि वे अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे या एनडीए के उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए किसी एक नाम पर आम सहमति बनाएंगे।
राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि
सीपी राधाकृष्णन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। वे लंबे समय से पार्टी संगठन में सक्रिय रहे हैं और विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल हैं और 31 जुलाई 2024 को उन्होंने यह पदभार संभाला था। उनकी छवि साफ-सुथरी और अनुशासित नेता की रही है। यही कारण है कि भाजपा उन्हें एक ऐसे उम्मीदवार के रूप में पेश कर रही है जो संगठनात्मक अनुभव और संवैधानिक जिम्मेदारी दोनों निभाने में सक्षम हैं। भाजपा चाहती है कि विपक्ष भी उन्हें स्वीकार करे और यह चुनाव निर्विरोध संपन्न हो।
राजनाथ सिंह की देखरेख में होगी प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की देखरेख में होगी। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भाजपा इस चुनाव को किसी भी विवाद से दूर रखते हुए गरिमा और सहमति के साथ सम्पन्न कराना चाहती है। संसदीय बोर्ड की बैठक में यह तय हुआ कि राधाकृष्णन का नाम सर्वसम्मति से घोषित किया जाएगा और इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आधिकारिक जानकारी दी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का बयान
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि पार्टी विपक्ष से संवाद स्थापित करेगी ताकि उपराष्ट्रपति चुनाव निर्विरोध संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि "हम विपक्ष से भी बात करेंगे। उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनका सहयोग आवश्यक है। जैसा कि पहले भी कहा गया है, हम उनसे संपर्क में हैं और वरिष्ठ नेताओं ने बातचीत शुरू कर दी है।" नड्डा ने यह भी बताया कि एनडीए के सभी सहयोगी दल भाजपा के साथ खड़े हैं और राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में समर्थन दे रहे हैं।
खाली हुआ उपराष्ट्रपति पद
संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले, 21 जुलाई 2024 को तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था। धनखड़ के इस्तीफे के बाद से यह पद रिक्त पड़ा हुआ है। ऐसे में अब 9 सितंबर को होने वाले चुनाव से ही तय होगा कि देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा।