गाजा में इजरायल और हमास के बीच दो साल के संघर्ष के बाद सीजफायर लागू हुआ। हमास ने बंधकों को रिहा करना शुरू किया, इजरायल करीब 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा। गाजा में सुरक्षा और प्रशासनिक बदलाव पर काम जारी है।
World Update: गाजा में इजरायल और हमास के बीच दो साल से जारी युद्ध अब अमेरिका और अन्य देशों के दबाव में सीजफायर (ceasefire) के जरिए समाप्त हुआ है। इस समझौते के तहत हमास बंधकों को रिहा करेगा और बदले में इजरायल करीब 2000 फिलिस्तीनियों को मुक्त करेगा। लंबे संघर्ष के दौरान गाजा का बुनियादी ढांचा बुरी तरह तबाह हुआ और हजारों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव का सामना करना पड़ा।
समझौते का पहला चरण
सीजफायर के पहले चरण में हमास ने बाकी बचे बंधकों को रिहा करने का फैसला किया है। इजरायल 2 हजार कैदियों को छोड़ देगा, जिनमें युद्ध के दौरान पकड़े गए लोग और अन्य कैदी शामिल हैं। हमास ने स्पष्ट किया है कि अंतिम बंधकों को तभी छोड़ा जाएगा जब इजरायली सेना पूरी तरह से गाजा से पीछे हट जाएगी। सोमवार तक हमास 48 बंधकों को छोड़ने की योजना बना रहा है, जिनमें लगभग 20 जीवित बताए जा रहे हैं।
इजरायली सेना ने पीछे हटी
शुक्रवार दोपहर से युद्धविराम प्रभावी हुआ। इजरायली सेना ने गाजा सिटी, खान यूनिस और अन्य इलाकों से पीछे हटकर तय की गई सीमाओं पर लौटने की घोषणा की है। हालांकि, गाजा के उत्तरी हिस्सों और रफा क्षेत्र में अब भी इजरायली सैनिक तैनात हैं। यह कदम युद्धविराम को सुरक्षित बनाने और समझौते को लागू कराने की दिशा में उठाया गया है।
ट्रंप की योजना और गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20 सूत्री योजना के अनुसार गाजा में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। इजरायल सीमा पर बफर जोन बनाए रखेगा और मिस्र की सीमा वाले फिलाडोल्फी कॉरिडोर पर नियंत्रण जारी रहेगा। ट्रंप ने हमास को यह गारंटी दी है कि उनकी पूरी वापसी सुनिश्चित होगी, हालांकि इस प्रक्रिया का समय अभी तय नहीं हुआ है।
हमास का प्रशासनिक बदलाव
हमास ने 2007 से गाजा पर शासन किया है। अब उसने कहा है कि वह सत्ता तकनीकी समिति को सौंप देगा। ट्रंप की योजना के तहत गाजा की निगरानी अंतरराष्ट्रीय संस्था करेगी, जिसकी अगुवाई पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर कर सकते हैं। हमास ने यह भी संकेत दिया है कि वह अपने हथियारों को संयुक्त फलिस्तीनी-मिस्र समिति के सुपुर्द करने पर विचार कर रहा है।
इजरायल चाहता है कि हमास अपने सशस्त्र हथियार छोड़ दे, जबकि हमास का कहना है कि उसे सशस्त्र प्रतिरोध का अधिकार है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जब तक हमास की सैन्य ताकत खत्म नहीं होगी, अभियान पूरा नहीं माना जाएगा। दूसरी ओर इजरायल ने पश्चिमी तट की फलिस्तीनी प्राधिकरण को कोई भूमिका देने से इनकार किया और फलिस्तीनी राज्य की संभावना को भी खारिज किया।