Waqf Board: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर तैयारी, 40 प्रस्तावों को दी मंजूरी

Waqf Board: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर तैयारी, 40 प्रस्तावों को दी मंजूरी
Last Updated: 05 अगस्त 2024

Waqf Board: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर तैयारी, 40 प्रस्तावों को दी मंजूरी 

बीते शुक्रवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में वक्फ बोर्ड को मिले अधिकारों और उनमें 40 से ज्यादा संशोधन करने लेकर चर्चा की गई। जानकारी के मुताबिक इन संशोषणओं के माध्यम से मोदी सरकार अब वक्फ बोर्डों के उस अधिकार पर लगाम कसना चाहती है, जिसके तहत वे किसी भी संपत्ति को अपना घोषित कर देते हैं।

New Delhi: केंद्र सरकार वक्फ एक्ट (Waqf Act) में संशोधन करने लेकर बड़ा फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक मोदी कैबिनेट ने एक बैठक में चर्चा के दौरान वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार इन संशोधनों के जरिए वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर लगाम कसना चाहती हैं।

ऐसे में मंजूर किए गए 40 प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा वक्फ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए भी अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव जारी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए एक बिल संसद में जल्द पेश किया जा सकता है।

5 अगस्त को संसद में बिल पेश करेगी सरकार

मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के बयान में कहा गया है कि 5 अगस्त, 2024 को वक्फ एक्ट में संशोधन बिल संसद में पेश किया जा सकता है। बता दें कि यह तारीख मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती है। क्योंकि, सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के प्रस्तावित बिल को संसद पेश किया था। इसके बाद, 5 अगस्त, 2020 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में श्री राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया था।

यूपी सरकार ने वक्फ एक्ट में किया था संशोधन                     

संशोधनों के अनुसार, वक्फ बोर्ड द्वारा किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले अनिवार्य सत्यापन की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा। इससे संपत्तियों पर किए गए दावों की वास्तविकता की जांच की जाएगी।

2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन किया था, जिसके तहत वक्फ बोर्डों को अधिक अधिकार दिए गए थे। इस संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता था, और इसे वापस लेने के लिए जमीन के मालिक को कोर्ट में लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता था।

वर्तमान में वक्फ बोर्डों के पास लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं। ये संशोधन वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों और उनके प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और जांच योग्य बनाने का प्रयास है।

संपत्तियों के दुरुपयोग पर लगाम लगाएगी सरकार

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्डों को संपत्तियों पर दावे करने के व्यापक अधिकार दिए थे। इसके साथ ही, कई राज्यों में वक्फ संपत्तियों के सर्वे में देरी की समस्याओं पर भी ध्यान दिया गया था। ऐसे में वक्फ संपत्तियों की निगरानी में जिला मजिस्ट्रेटों को शामिल करने की संभावना पर विचार किया गया था। यह कदम संपत्तियों के सही प्रबंधन और दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड के किसी भी फैसले के खिलाफ अपील केवल कोर्ट में की जा सकती है, और इन अपीलों के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। कोर्ट का निर्णय अंतिम होता है, और हाईकोर्ट में केवल जनहित याचिका (PIL) के अलावा अन्य अपीलों का कोई प्रावधान नहीं है।

क्या है वक्फ कानून?

वक्फ कानून भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके रखरखाव से संबंधित कानूनी ढांचे को स्थापित करता है। यह कानून 1954 में नेहरू सरकार के दौरान पारित किया गया था, और इसके उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन, संरक्षण और उपयोग को सुनिश्चित करना है।

वक्फ अधिनियम में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। 1975 के संशोधन ने बोर्डों की शक्तियों और कार्यक्षेत्र को विस्तारित किया, जबकि 2013 के संशोधन के तहत बोर्डों को अधिक अधिकार और स्वायत्तता दी गई। इसके साथ ही, वक्फ संपत्तियों पर बोर्ड द्वारा किए गए दावों की जांच और विवादों के समाधान की प्रक्रियाओं में भी बदलाव किया गया।

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