अमेरिकी कांग्रेस ने Laken Riley एक्ट को मंजूरी दी, कानून बनने का रास्ता साफ। जानें, इसके पीछे की कहानी और भारतीयों समेत अवैध प्रवासियों पर इसका क्या प्रभाव होगा।
Laken Riley Act: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका के 'स्वर्णिम युग' का सपना दिखाया। ट्रंप ने इस सपना को लेकर अपनी दिशा स्पष्ट की, और इसके साथ ही सबसे अधिक चर्चा में आने वाला मुद्दा प्रवासियों का था। ट्रंप ने अपने भाषण में यह साफ कर दिया कि अवैध प्रवासियों पर सख्ती बरती जाएगी। इसी क्रम में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने 'लैकेन रिले एक्ट' को मंजूरी दी है।
'लैकेन रिले एक्ट' पर राष्ट्रपति ट्रंप के दस्तखत
लैकेन रिले एक्ट अब कानून बनने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास जाएगा। वे इस पर दस्तखत करेंगे, और इसके बाद यह कानून बन जाएगा। यह एक्ट राष्ट्रपति ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद उनका पहला बड़ा कानून होगा, जिस पर वे हस्ताक्षर करेंगे। इस एक्ट को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में 263 के मुकाबले 156 वोटों से पारित किया गया, जिसमें 46 डेमोक्रेट्स भी रिपब्लिकन के साथ शामिल हुए। इससे पहले, अमेरिकी सीनेट ने इस एक्ट को मंजूरी दी थी।
लैकेन रिले एक्ट: अवैध प्रवासियों पर कड़ा प्रहार
1. क्यों अहम है 'लैकेन रिले एक्ट'?
'लैकेन रिले एक्ट' को अमेरिका में पिछले तीन दशकों में अवैध प्रवासियों पर लगाई गई सबसे कड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इस एक्ट का उद्देश्य अमेरिकी धरती पर अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों पर कड़ी निगरानी रखना और उन देशों पर दबाव डालना है, जो अपने नागरिकों को वापस अपने देश बुलाने से इनकार करते हैं। इस एक्ट का असर सिर्फ अमेरिकी नागरिकों पर नहीं, बल्कि दुनियाभर के प्रवासियों, खासकर भारतीयों पर भी पड़ेगा।
2. 'लैकेन रिले' एक्ट का नाम क्यों रखा गया?
इस एक्ट का नाम 'लैकेन रिले' के नाम पर रखा गया है, जो एक जॉर्जिया विश्वविद्यालय में नर्सिंग की छात्रा थी। लैकन को उसके विश्वविद्यालय परिसर में जॉगिंग करते समय हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के आरोपी को अपहरण, हमला और हत्या के आरोपों में जीवनभर की सजा सुनाई गई थी। लैकन के पिता जेसन रिले ने इस एक्ट के पारित होने के लिए अमेरिकी कांग्रेस का आभार व्यक्त किया है।
'लैकेन रिले एक्ट' के मुख्य प्रावधान
नए कानून की प्रमुख बातें
लैकेन रिले एक्ट के तहत, अगर किसी देश के नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उस देश को उन्हें वापस बुलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह कानून उन देशों पर दबाव डालने की कोशिश करेगा, जो अपने नागरिकों को अमेरिका से वापस लेने से इनकार करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कानून प्रवासियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि, ट्रैवल दस्तावेज जारी करने और उन्हें अपने देश वापस भेजने जैसे प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करेगा। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो अमेरिकी सरकार उस प्रवासी का वीजा रद्द कर सकती है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
भारतीयों के लिए चिंता का विषय?
क्या 'लैकेन रिले एक्ट' भारतीय प्रवासियों के लिए खतरा है?
लैकेन रिले एक्ट के लागू होने के बाद, अमेरिकी में रह रहे भारतीय प्रवासियों, खासकर अस्थायी वीजा पर, गैर-डॉक्युमेंटेड लेबर, या वीजा शर्तों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर भारत अमेरिकी प्रशासन को सहयोग नहीं करता है, तो भारतीय प्रवासियों के वीजा कैंसिल किए जा सकते हैं। इसमें H-1B वीजा भी शामिल हो सकता है, जो भारतीयों के बीच बेहद लोकप्रिय है। हालांकि, भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं, लेकिन इस एक्ट में अदालतों को अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है, जो भारतीयों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। बिना डॉक्यूमेंट्स के अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए यह एक्ट जटिल हो सकता है, खासकर वे जो नागरिकता और वर्क परमिट प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
आव्रजन नीति पर ट्रंप प्रशासन का फोकस
2024 के एग्जिट पोल में आव्रजन को अमेरिका की चौथी सबसे बड़ी प्राथमिकता माना गया था। ट्रंप को इस मुद्दे पर डेमोक्रेट पार्टी की कमला हैरिस से बड़े मार्जिन से समर्थन प्राप्त हुआ था, जिसके बाद यह साफ था कि ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करेगा। 'लैकेन रिले एक्ट' के पारित होने के बाद, अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को एक नई कानूनी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जो भारतीयों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।