कनाडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G7 समिट में आमंत्रित किया है। बदले राजनीतिक हालातों में यह कदम भारत-कनाडा संबंधों को नई दिशा दे सकता है। दोनों देश कानून व्यवस्था पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
Canada Invites PM Modi: कनाडा और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण रिश्तों में अब बदलाव के संकेत दिख रहे हैं। हाल ही में सत्ता में आए कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 समिट के लिए आमंत्रित किया है, जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है। यह निमंत्रण भारत की वैश्विक भूमिका और रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।
कनाडा के बदले सुर: रिश्तों में नई शुरुआत
भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, खासकर पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान। लेकिन अब जब कनाडा की सत्ता में बदलाव हुआ है और मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तो रिश्तों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 समिट में शामिल होने का औपचारिक न्योता भेजा है।
G7 समिट क्या है और भारत की भूमिका क्यों अहम?
G7 (Group of Seven) दुनिया की सात प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं—अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान—का एक समूह है। इस मंच पर वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, तकनीक और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होती है।
हाल के वर्षों में भारत को G7 शिखर सम्मेलनों में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता रहा है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती भूमिका और वैश्विक सहयोग में भागीदारी को बल मिलता है।
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने क्यों दिया न्योता?
कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की उपस्थिति जी7 समिट में आवश्यक है, क्योंकि ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल ट्रांज़िशन, खनिज संसाधन और वैश्विक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे अहम मुद्दों पर भारत की भागीदारी बेहद जरूरी है।
कार्नी ने स्पष्ट किया, "जी7 अध्यक्ष के रूप में हम ऐसे देशों को भी आमंत्रित करना चाहते हैं जो दुनिया के मौजूदा और भविष्य के मुद्दों पर असर डालते हैं। भारत इन सबमें अग्रणी है।"
पीएम मोदी ने न्योता स्वीकार किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की और उनके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने लिखा, "कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई। हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और इस महीने के अंत में कनाडा में होने वाले G7 समिट में आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। भारत और कनाडा साझा मूल्यों और आपसी सम्मान के आधार पर मिलकर काम करेंगे।"
भारत-कनाडा के रिश्तों में तनाव क्यों था?
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के बीच संबंधों में काफ़ी तनाव रहा। खासकर खालिस्तानी मुद्दों और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोपों ने इस तनाव को और गहरा कर दिया था। इसके अलावा, ट्रूडो सरकार द्वारा भारत पर की गईं कुछ सार्वजनिक टिप्पणियों ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को कमजोर किया। भारत ने इन मामलों में सख्त रुख अपनाया था, जिससे संबंध लगभग ठप हो गए थे।
अब रिश्तों में दिख रही गर्मजोशी
मार्क कार्नी के सत्ता में आने के बाद से भारत-कनाडा संबंधों में नरमी और सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। उन्होंने अपने बयानों में बार-बार भारत की अहम भूमिका को स्वीकार किया है और सहयोग की इच्छा भी जताई है।
कार्नी ने यहां तक कहा कि दोनों देश कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं और द्विपक्षीय वार्ताएं भी फिर से शुरू हो रही हैं। इससे साफ है कि दोनों देश अब आगे बढ़कर सहयोग करने को तैयार हैं।