NITI Aayog Meeting: बजट 2024 की घोषणा से नाखुश विपक्ष, नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के चार मुख्यमंत्री, जानिए कौन हैं ये सीएम?

NITI Aayog Meeting: बजट 2024 की घोषणा से नाखुश विपक्ष, नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के चार मुख्यमंत्री, जानिए कौन हैं ये सीएम?
Last Updated: 24 जुलाई 2024

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई 2024 को पेश किए गए केंद्रीय बजट का विपक्ष ने जमकर विरोध कर रहा है। कांग्रेस ने इसे भेदभावपूर्ण और जनता के लिए खतरनाक बताया है। जानकारी के मुताबिक इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्री 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया हैं।

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को संसद में अपना बतौर वित्तमंत्री लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश किया। लेकिन इस बजट का विपक्ष पार्टी जमकर विरोध कर रही है। बता दें कांग्रेस ने केंद्रीय बजट 2024-25 को भेदभावपूर्ण और जनता के लिए खतरनाक बताया है। इसका विरोध करने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार शाम को एक बड़ी घोषणा की थी।  जानकारी के मुताबिक इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्री 27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है। नीति आयोग की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित होगी।

कांग्रेस के इन चार नेताओं ने बैठक में शामिल होने से किया इनकार

कांग्रेस पार्टी के चार मुख्यमंत्रियों ने (शनिवार) 27 जुलाई को दिल्ली में आयोजित होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इन चार चार मुख्यमंत्री में सिद्धारमैया (कर्नाटक), रेवंत रेड्डी (तेलंगाना), सुखविंदर सुखू (हिमाचल प्रदेश) और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन (तमिलनाडु) शामिल हैं। बता दें कि नीति आयोग की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली है, जिसका कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों ने जोर शोर से बहिष्कार करने का फैसला किया हैं।

नीति आयोग की बैठक का किया बहिष्कार

कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि "मंगलवार को वित्तमंत्री द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट बहुत ज्यादा भेदभावपूर्ण और जनता के लिए खतरनाक है, जो संघवाद (Federalism) और निष्पक्षता (Impartiality) के सिद्धांतों के बिल्कुल खिलाफ माना जाता है, जिसका केंद्र सरकार को तह दिल से पालन करना चाहिए। बता दें इसके विरोध में कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का बहिष्कार करेंगे।"

वेणुगोपाल ने कहां कि बजट में देखे तो इस सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत साबित हुआ है। हम ऐसे किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे जो पूरी तरह से इस शासन के असिलियत, भेदभावपूर्ण पहलुओं को छिपाने के लिए बनाया गया हैं।

1:21 मिनट के बजट भाषण क्या हुआ?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 80 मिनट के बजट भाषण के दौरान कई बड़ी घोषणाएं की, जिनमें नई कर व्यवस्था में मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करना, नई व्यवस्था में कर स्लैब में संशोधन, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहनों के तहत तीन योजनाएं और नौकरी सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक बजट घोषणाओं के तुरंत बाद कांग्रेस ने केंद्र पर कटाक्ष करते हुए कहां कि यह इस लंगड़ी सरकार को बचाए रखने की राजनीतिक मजबूरियों से प्रेरित एक सरकार बचाओ बजट के अलावा कुछ नहीं कह सकते हैं।

 

 

 

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