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JEE Advanced 2025: कोटा के रजित गुप्ता ने रचा इतिहास, जेईई एडवांस्ड के बने ऑल इंडिया टॉपर

JEE Advanced 2025: कोटा के रजित गुप्ता ने रचा इतिहास, जेईई एडवांस्ड के बने ऑल इंडिया टॉपर

कोटा के रजित गुप्ता ने जेईई एडवांस्ड 2025 में 332 अंक लाकर ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता का मंत्र खुशी है और उन्होंने कभी सख्त शेड्यूल नहीं अपनाया।

JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड 2025 के नतीजों में कोटा के रजित गुप्ता ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 1 (AIR-1) हासिल किया। उन्होंने 360 में से 332 अंक प्राप्त किए। यह परिणाम केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि कोटा के लिए भी गौरव का क्षण है। रजित ने यह मुकाम बिना सख्त शेड्यूल के, खुद को खुश रखते हुए और अपनी पढ़ाई के प्रति जुनून बनाए रखते हुए हासिल किया।

सफलता का मंत्र: जब मन हो, तब पढ़ो और गलतियां ना दोहराओ

रजित का मानना है कि सफलता के लिए खुशी सबसे बड़ा मंत्र है। उन्होंने कभी भी सख्त टाइमटेबल या स्ट्रिक्ट शेड्यूल नहीं बनाया। रजित कहते हैं कि मैं तभी पढ़ाई करता था, जब मेरा मन करता था। जरूरी यह है कि जब पढ़ो, तो मन लगाकर पढ़ो। पढ़ाई के दौरान उन्होंने इस बात का खास ख्याल रखा कि अपनी गलतियों को दोहराया न जाए। उनका कहना है कि गलतियों से ही सीख मिलती है, इसलिए हर गलती को सुधारना बहुत जरूरी है। यह उनकी तैयारी की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ थी।

कोटा का मान बढ़ाया: जेईई मेन से लेकर जेईई एडवांस्ड तक शानदार प्रदर्शन

रजित गुप्ता का सफर केवल जेईई एडवांस्ड तक सीमित नहीं रहा। इससे पहले उन्होंने जेईई मेन जनवरी सेशन में 100 परसेंटाइल स्कोर किया था और अप्रैल सेशन में ऑल इंडिया रैंक 16 हासिल की थी। रजित ने 10वीं कक्षा में भी 96.8 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। यह सब दर्शाता है कि वह निरंतर मेहनत और स्मार्ट वर्क के जरिए आगे बढ़ते रहे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि: सफलता की कहानी पीढ़ियों से

रजित का परिवार भी शिक्षा और अनुशासन में विश्वास रखने वाला रहा है। उनके पिता दीपक गुप्ता बीएसएनएल में उपखंड अभियंता हैं और उनकी मां डॉ. श्रुति अग्रवाल जेडीबी कॉलेज में होम साइंस की प्रोफेसर हैं। दिलचस्प बात यह है कि रजित के पिता भी एलन कोटा से पढ़ चुके हैं। 1994 में उन्होंने राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (RPET) में 48वीं रैंक हासिल की थी। दीपक गुप्ता बताते हैं कि उन्होंने भी एलन के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी से पढ़ाई की थी। जब बेटे को जेईई की तैयारी के लिए कोचिंग दिलाने का समय आया, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के एलन को ही चुना।

एलन की भूमिका: सही मार्गदर्शन और सपोर्ट सिस्टम

रजित एलन कोटा के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट रहे। उन्होंने बताया कि एलन की पढ़ाई का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां के टीचर्स की गाइडेंस और स्टडी मैटेरियल इतना सटीक होता है कि आपको इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होती। एलन में पढ़ाई के दौरान उनका फोकस हमेशा इस पर रहता था कि अपनी गलतियों को पहचानो और उन्हें दोहराओ मत। इससे उनका सब्जेक्ट बेस मजबूत होता चला गया।

खेल और रिलैक्सेशन

रजित का मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ दिमाग को रिलैक्स करना भी जरूरी है। इसलिए जब भी मौका मिलता था, वह कॉलोनी के बच्चों के साथ खेलते थे। यही वजह है कि उनका माइंड हमेशा फ्रेश रहता और पढ़ाई में फोकस बना रहता था। वह कहते हैं कि पढ़ाई में सख्त शेड्यूल रखने से अनावश्यक दबाव बनता है, जिससे परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।

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