Economic Survey Report: सकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े जारी किए। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार देखा गया है, जिससे छात्रों का रुझान इनकी ओर बढ़ा है। सरकारी विद्यालयों में 50% विद्यार्थी नामांकित हैं और 51% शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 22.5% निजी विद्यालयों में 32.6% छात्र पढ़ते हैं, जहां 38% शिक्षक कार्यरत हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों का बढ़ता प्रभाव
दिल्ली, नोएडा और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में निजी स्कूलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन ग्रामीण भारत में सरकारी स्कूलों का दबदबा कायम है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 70% स्कूल सरकारी हैं, जहां कुल छात्रों का 50% शिक्षा ग्रहण कर रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि ग्रामीण परिवारों में अब भी सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता दी जा रही हैं।
देशभर में 14.72 लाख स्कूल, 24.8 करोड़ छात्र
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 14.72 लाख स्कूल हैं, जिनमें 98 लाख शिक्षक कार्यरत हैं और 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं। यह आंकड़ा सरकारी और निजी दोनों विद्यालयों को मिलाकर तैयार किया गया हैं।
2030 तक 100% नामांकन का लक्ष्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत सरकार ने 2030 तक स्कूलों में 100% सकल नामांकन अनुपात (GER) हासिल करने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में यह आंकड़ा इस प्रकार हैं।
• प्राथमिक स्तर: 93%
• माध्यमिक स्तर: 77.4%
• उच्चतर माध्यमिक स्तर: 56.2%
• सरकार इस अंतर को कम करने के लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयासरत हैं।
ड्रॉपआउट दर में गिरावट
• आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के वर्षों में स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई हैं।
• प्राथमिक स्तर पर 1.9% छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी।
• उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2% छात्रों ने स्कूल छोड़ा।
• माध्यमिक स्तर पर यह आंकड़ा 14.1% है।
• सरकारी योजनाओं और नीतियों के कारण अधिक से अधिक छात्र शिक्षा प्रणाली से जुड़ रहे हैं।
तकनीकी सुविधाओं से लैस हो रहे हैं सरकारी स्कूल
• शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्कूलों में डिजिटल और तकनीकी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। यूडीआईएसई 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार।
• कंप्यूटर से लैस स्कूल: 2019-20 में 38.5% से बढ़कर 57.2% हो गए हैं।
• इंटरनेट सुविधा वाले स्कूल: 2019-20 में 22.3% से बढ़कर 53.9% हो गए हैं।
समग्र शिक्षा अभियान और नई पहलें
• आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत कई योजनाएं लागू की हैं। इनमें प्रमुख पहलें शामिल हैं।
• निष्ठा: शिक्षकों के प्रशिक्षण पर केंद्रित कार्यक्रम।
• विद्या प्रवेश: प्राथमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की योजना।
• जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट): शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने की पहल।
• कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी): लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष विद्यालय।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों पर लोगों का विश्वास बढ़ा है, ड्रॉपआउट दर में गिरावट आई है, और डिजिटल सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए जा रहे प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में शिक्षा का स्तर और मजबूत होगा, और 2030 तक 100% नामांकन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा।