केंद्र सरकार 1 जनवरी 2024 से 'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' (ONOS) योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के सभी छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्रों तक समान पहुंच प्रदान करना है। इसका लाभ देशभर के 1.8 करोड़ से अधिक छात्रों को मिलेगा।
इस योजना के अंतर्गत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित, चिकित्सा, मानविकी, प्रबंधन, और सामाजिक विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों की 13,400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक मुफ्त पहुंच प्रदान की जाएगी। इस कदम से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बड़ी क्रांति की उम्मीद हैं।
क्या है योजना का फायदा?
इस योजना के तहत देशभर के 451 राज्य विश्वविद्यालय, 4,864 कॉलेज, और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान उन 6,380 उच्च शिक्षा और शोध संस्थानों में शामिल होंगे, जो अब तक इन सुविधाओं से वंचित थे। अब तक केवल कुछ चुनिंदा संस्थानों को इन पत्रिकाओं तक पहुंच प्राप्त थी। लेकिन इस योजना से हर संस्थान और छात्र समान रूप से लाभान्वित होंगे।
प्रमुख लाभ
· सभी छात्रों को समान रिसर्च सामग्री तक पहुंच मिलेगी।
· टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थित संस्थान भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकेंगे।
· शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
· योजना का कार्यान्वयन और चरणबद्ध विस्तार
पहला चरण
योजना का पहला चरण 1 जनवरी 2024 से शुरू होगा। इसके तहत सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को प्राथमिकता दी गई हैं।
दूसरा चरण
इसके बाद इस योजना को निजी शैक्षणिक संस्थानों तक विस्तारित किया जाएगा। इसके लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल अपनाया जाएगा।
तीसरा चरण
तीसरे चरण में, सार्वजनिक पुस्तकालयों और अन्य निर्दिष्ट स्थानों पर छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान की जाएगी।
तीन साल की अवधि में 6,000 करोड़ रुपये का निवेश
इस पहल को 6,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन वर्षों के लिए लागू किया गया है। यह न केवल छात्रों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि देश को शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थान दिलाने में मदद करेगा।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि 'वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन' योजना शिक्षा और शोध क्षेत्र में समानता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल ग्रामीण और शहरी संस्थानों के बीच की खाई कम होगी, बल्कि छात्र वैश्विक स्तर पर उपलब्ध नई तकनीकों और शोध कार्यों से भी जुड़ पाएंगे।
शिक्षा में नया अध्याय
सरकार की यह पहल देश में शिक्षा को सुलभ और समान बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल छात्रों और शिक्षकों को लाभान्वित करेगी, बल्कि शोध, नवाचार और तकनीकी विकास में भी भारत को अग्रणी बनाएगी।