Up News: परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के कारण नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले के लागू होने की आशंका को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने नारेबाजी करते हुए घंटों अपना विरोध जताया।
यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर घंटों हंगामा
इसी क्रम में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आज प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए घंटों अपना विरोध व्यक्त किया। अभ्यर्थियों के इस विरोध प्रदर्शन के चलते प्रयागराज से लखनऊ जाने वाला रास्ता कई घंटों तक बंद रहा। इस दौरान आयोग के कार्यालय के बाहर पूरे दिन अफरातफरी का माहौल रहा।
यह पहला अवसर होगा जब पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा दो दिनों में आयोजित की जाएगी और इसमें नॉर्मलाइजेशन का भी उपयोग किया जाएगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन का कोई निश्चित सिद्धांत नहीं होता और इसमें सामान्यतः मनमानी की जाती है। इसमें अधिक अंक प्राप्त करने वाला अभ्यर्थी बाहर हो सकता है, जबकि कम प्रश्नों के सही उत्तर देने वाला अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए योग्य हो सकता है।
परीक्षा में असमानता का डर
प्रारंभिक परीक्षा के नॉर्मलाइजेशन पैटर्न पर दो दिनों में आयोजित किए जाने के निर्णय का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि इस व्यवस्था के चलते किसी एक अभ्यर्थी को आसान पेपर मिल सकता है, जबकि दूसरे को कठिन। इस वजह से कई योग्य अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में ही बाहर हो सकते हैं। प्रदर्शनकारी अमित दुवेदी आज़ाद के अनुसार, आयोग ने अपने विज्ञापन में प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित करने का उल्लेख किया था। इसके अतिरिक्त, दो दिनों में परीक्षा आयोजित होने पर कुछ अभ्यर्थी न्यायालय का रुख भी कर सकते हैं, जिससे हाईकोर्ट भर्ती पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा सकता है। इसका नकारात्मक प्रभाव सभी अभ्यर्थियों पर पड़ सकता है।
चुनाव एक दिन में, तो परीक्षा क्यों नहीं?
अभ्यर्थियों का मानना है कि विवादों से बचने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को परंपरागत तरीके से एक ही दिन में संपन्न कराया जाना चाहिए। प्रतियोगी छात्र पंकज कुमार का कहना है कि जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव बिना किसी समस्याओं के एक ही दिन में हो सकते हैं, तो पांच लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा एक दिन में क्यों नहीं कराई जा सकती? आयोग परीक्षा केंद्र के नाम पर किसी प्रकार की मनमानी नहीं कर सकता।
हालांकि, कई घंटों तक विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद आयोग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अभ्यर्थियों से मिलने या उनका ज्ञापन लेने के लिए सामने नहीं आया। नाराज अभ्यर्थियों ने अपना आंदोलन और तेज करने की बात कही है।