आईसीसी जून महीने से वनडे और टेस्ट क्रिकेट के नियमों में कुछ बदलाव करने जा रहा है। खासतौर पर वनडे में अब तक 2 गेंदों का इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन इसके संबंध में भी नया नियम लागू किया जाएगा।
स्पोर्ट्स न्यूज़: क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय फॉर्मेट टेस्ट और वनडे में आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) ने जून से कुछ अहम नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इन बदलावों का उद्देश्य खेल को और रोमांचक बनाना और गेंदबाजों को बेहतर मौके देना है। पिछले वर्षों में खासकर वनडे में बल्लेबाजों का दबदबा इतना बढ़ गया था कि गेंदबाजों के लिए मैच में पकड़ बनाना मुश्किल होता जा रहा था। ऐसे में आईसीसी ने कुछ ऐसे नियम पेश किए हैं, जो गेंदबाजों के पक्ष में काम आएंगे और मैच में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएंगे।
वनडे क्रिकेट में गेंदों के इस्तेमाल का नया नियम
वनडे में फिलहाल 2 नई गेंदों का इस्तेमाल होता है एक गेंद पारी के एक छोर से और दूसरी दूसरी छोर से। इससे गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग हासिल करना मुश्किल होता है क्योंकि गेंद ज्यादा जल्दी पुरानी नहीं होती। नए नियम के मुताबिक अब 17 ओवर तक 2 गेंदों का इस्तेमाल होगा, लेकिन उसके बाद 35वें ओवर के बाद सिर्फ एक गेंद का प्रयोग किया जाएगा।
इस बदलाव का सीधा फायदा गेंदबाजों को मिलेगा, क्योंकि 35वें ओवर के बाद गेंद पुरानी होने लगेगी और उसे रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलेगी। इससे आखिरी 15 ओवरों में गेंदबाजों को पकड़ बनाने के ज्यादा मौके मिलेंगे और बल्लेबाजों के लिए तेज रन बनाना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
यह नया नियम 2 जुलाई से शुरू होने वाली श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज में लागू होगा। यदि मैच 25 ओवर या उससे कम का होता है, तो केवल एक गेंद का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, 35वें ओवर के बाद गेंद किस छोर से आएगी, इसका फैसला फील्डिंग टीम का कप्तान करेगा।
बाउंड्री लाइन पर कैच और डीआरएस नियम में बदलाव
आधुनिक क्रिकेट में फील्डिंग का स्तर इतना उन्नत हो गया है कि अब बाउंड्री लाइन पर कैच पकड़ना भी आम बात हो गई है। लेकिन इस नए हुनर के कारण कई बार विवाद भी उत्पन्न होते हैं कि क्या कैच बाउंड्री के बाहर पकड़ा गया या नहीं। इस पर आईसीसी ने कड़ा रुख अपनाते हुए बाउंड्री पर कैच के नियमों में बदलाव का फैसला किया है।
इसके साथ ही डीआरएस (डिजिजिटल रिव्यू सिस्टम) के इस्तेमाल के नियमों में भी सुधार किए जाएंगे, जिससे फैसलों की पारदर्शिता और खिलाड़ियों की संतुष्टि बढ़ेगी। डीआरएस से जुड़ी नई जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी। ये बदलाव खासकर मैचों में विवाद कम करने और खेल के न्याय को मजबूत करने की दिशा में अहम होंगे।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम में नई शर्तें
आईसीसी ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट यानी सिर में चोट लगने की स्थिति में खिलाड़ी की जगह दूसरे खिलाड़ी को शामिल करने के नियम में भी बड़ा बदलाव किया है। अब मैच शुरू होने से पहले ही हर टीम को पांच खिलाड़ियों के नाम मैच रेफरी को देने होंगे, जो कन्कशन रिप्लेसमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
यह सूची इस प्रकार होगी एक विकेटकीपर, एक स्पिनर, एक ऑलराउंडर, एक बल्लेबाज और एक तेज गेंदबाज। यदि मैच के दौरान कोई खिलाड़ी सिर में चोट लगने के कारण बाहर होता है, तो उसकी भूमिका के अनुसार टीम में इसी प्रकार का खिलाड़ी शामिल किया जाएगा। यह नियम टेस्ट क्रिकेट में 2025 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद लागू होंगे।
पहली बार यह नियम श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच 17 जून से शुरू होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज में उपयोग में लाया जाएगा। इस बदलाव से टीमों को चोटिल खिलाड़ियों की जगह तुरंत और बेहतर विकल्प चुनने में मदद मिलेगी, जिससे मैच का स्तर और प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।
क्रिकेट के फॉर्मेट को और रोमांचक बनाने का प्रयास
आईसीसी के ये बदलाव क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स टेस्ट, वनडे और टी20 को ज्यादा रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की दिशा में हैं। गेंदबाजों को राहत देने के साथ ही खेल में संतुलन बनाए रखने के लिए ये नियम बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि वनडे में 2 गेंदों का इस्तेमाल सीमित अवधि के लिए रखना और बाद में एक गेंद का उपयोग करना गेंदबाजों को नई रणनीतियों को अपनाने का मौका देगा। इससे पारी के अंतिम चरण में तेज गेंदबाज रिवर्स स्विंग कर सकते हैं, जिससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
बाउंड्री कैच के नियम और डीआरएस में बदलाव से खेल में विवादों को कम करने और फैसलों में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही कन्कशन सब्स्टीट्यूट के नियम से खिलाड़ियों की सुरक्षा और टीम के विकल्पों की गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा। इस बदलाव के साथ जून से क्रिकेट के मैदान पर नए नियमों के तहत खेल शुरू होगा, जो खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगा।