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IPL 2025: 17 साल का सूखा खत्म, फाइनल के हीरो बने क्रुणाल पांड्या, रच दिया इतिहास

IPL 2025: 17 साल का सूखा खत्म, फाइनल के हीरो बने क्रुणाल पांड्या, रच दिया इतिहास

आईपीएल 2025 के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आरसीबी ने आखिरकार अपना पहला खिताब जीत लिया। पूरे सीजन में टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। 

स्पोर्ट्स न्यूज़: आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक और ऐतिहासिक बन गया, जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स को 6 रनों से हराकर 17 साल के लंबे इंतज़ार को खत्म किया और पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की। इस ऐतिहासिक जीत के केंद्र में रहे टीम के अनुभवी ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या, जिन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से ना सिर्फ मुकाबला पलट दिया, बल्कि एक ऐसा रिकॉर्ड भी बना दिया जो अब तक किसी भी खिलाड़ी ने नहीं बनाया था।

RCB को दिलाया पहला खिताब, गेंद से किया कमाल

चेन्नई के एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में RCB ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 190 रन बनाए। जब पंजाब किंग्स की टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी, तब सभी की निगाहें उनके आक्रामक बल्लेबाज़ों पर थीं। लेकिन RCB के लिए संकटमोचक बनकर उभरे क्रुणाल पांड्या, जिन्होंने न सिर्फ रन रोकने का काम किया, बल्कि दो बेहद महत्वपूर्ण विकेट भी झटके।

क्रुणाल ने अपने 4 ओवर के स्पेल में महज़ 17 रन देकर जोस इंगलिस और प्रभसिमरन जैसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ों को पवेलियन की राह दिखाई। उनकी गेंदबाज़ी इतनी सटीक रही कि पंजाब की रनगति रुक गई और अंत में वे लक्ष्य से 6 रन पीछे रह गए।

बने IPL इतिहास में दो बार फाइनल के ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ जीतने वाले पहले खिलाड़ी

क्रुणाल पांड्या को उनके शानदार गेंदबाज़ी प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। इस अवॉर्ड के साथ ही उन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। क्रुणाल अब आईपीएल इतिहास में पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने दो अलग-अलग फाइनल मैचों में 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किया है। इससे पहले उन्होंने 2017 के फाइनल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के खिलाफ यह पुरस्कार जीता था।

कैसा रहा आईपीएल 2025 में क्रुणाल का सफर?

पूरे सीजन की बात करें तो क्रुणाल पांड्या का प्रदर्शन बेहद संतुलित और प्रभावशाली रहा। उन्होंने कुल 15 मुकाबलों में हिस्सा लिया और बल्ले तथा गेंद दोनों से उपयोगी योगदान दिया। 15 मैचों में 7 पारियों में कुल 109 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 73 रन रहा, जो उन्होंने एक मुश्किल परिस्थिति में टीम को संकट से निकालते हुए बनाया था।

उन्होंने 15 मैचों में 17 विकेट चटकाए। उनका औसत 22.29 रहा जबकि इकॉनमी रेट 8.23 रही। इस सीजन उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी प्रदर्शन 4 विकेट लेकर 45 रन देना रहा। इस सीजन में कई मौकों पर उन्होंने मध्य ओवरों में रन रोकने और विकेट निकालने का जिम्मा संभाला और अपनी टीम को मज़बूती दी। खासकर फाइनल में उनके अनुभव और संयम ने दिखा दिया कि क्यों वह बड़े मैचों के खिलाड़ी कहे जाते हैं।

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