जो रूट की गिनती विश्व क्रिकेट के बेहतरीन और भरोसेमंद बल्लेबाजों में होती है। उन्होंने दुनिया के लगभग हर कोने में अपनी तकनीक और संयमित बल्लेबाजी से खुद को साबित किया है। रन बनाने की उनकी निरंतरता उन्हें बाकी बल्लेबाजों से अलग बनाती है।
Joe Root ODI Runs: क्रिकेट के इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो न केवल अपने आंकड़ों से बल्कि अपनी तकनीक, निरंतरता और संयम से भी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लेते हैं। इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज़ जो रूट भी उन्हीं चुनिंदा खिलाड़ियों में शुमार हो गए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में उन्होंने एक ऐसा कीर्तिमान रच डाला, जिसे तोड़ना अब आने वाली पीढ़ियों के लिए आसान नहीं होगा।
इयोन मोर्गन को पछाड़कर रचा इतिहास
दूसरे वनडे मैच में जब जो रूट ने 42 रनों की सधी हुई पारी खेली, तो इसके साथ ही वह इंग्लैंड की वनडे क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन का रिकॉर्ड पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की। मोर्गन ने अपने करियर में इंग्लैंड के लिए 6957 रन बनाए थे, जबकि रूट अब 6960 रन के साथ उनसे आगे निकल गए हैं।
यह रिकॉर्ड रूट की निरंतरता और काबिलियत को दर्शाता है, जो उन्होंने 2013 में डेब्यू करने के बाद से दिखाया है। रूट की इस उपलब्धि को केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि इंग्लैंड की क्रिकेट संस्कृति में भी एक नया अध्याय माना जा रहा है।
आंकड़ों की जुबानी रूट की कहानी
जो रूट का वनडे करियर हमेशा से ही स्थिरता और भरोसे का प्रतीक रहा है। उन्होंने अब तक 179 वनडे मैचों में 6960 रन बनाए हैं, जिसमें 17 शतक और 42 अर्धशतक शामिल हैं। वह एक ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो हर परिस्थिति में रन बना सकते हैं, चाहे वह इंग्लैंड की पिच हो या सब-कॉन्टिनेंट की स्पिन ट्रैप। वहीं टेस्ट क्रिकेट में रूट का जलवा और भी ज्यादा प्रभावशाली है।
उन्होंने 153 टेस्ट मैचों में 13006 रन बनाए हैं, जिसमें 36 शतक और 65 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट में यह आंकड़ा उन्हें इंग्लैंड के इतिहास में सबसे आगे लाकर खड़ा करता है। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने 893 रन बनाए, हालांकि इस फॉर्मेट में उन्हें उतनी ज़्यादा भूमिका नहीं मिली, जितनी टेस्ट और वनडे में मिली।
तकनीक और मानसिक दृढ़ता का अद्भुत संगम
जो रूट की बल्लेबाज़ी का सबसे बड़ा गुण उनकी तकनीक और मानसिक संतुलन है। वह तेज़ गेंदबाज़ों के खिलाफ जितने सहज दिखते हैं, उतनी ही खूबसूरती से वह स्पिन को भी खेलते हैं। उनकी बैटिंग में एक शास्त्रीय सौंदर्य है, जो आज के आधुनिक क्रिकेट में दुर्लभ होता जा रहा है। रूट का फुटवर्क सटीक होता है, टाइमिंग शानदार होती है, और स्ट्राइक रोटेट करने की उनकी काबिलियत उन्हें किसी भी परिस्थितियों में टिकने में मदद करती है। वह जरूरत पड़ने पर आक्रामक भी हो सकते हैं, लेकिन उनकी आक्रामकता नियंत्रण में होती है, यह संतुलन उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाता है।
इंग्लैंड की जीत और रूट की अहम भूमिका
इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के साथ इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी स्थिति और भी मज़बूत कर ली है। पहले वनडे मैच में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को 238 रनों से हराया था, जिसमें उन्होंने 400 का विशाल स्कोर खड़ा किया था। गेंदबाज़ों ने भी कमाल दिखाते हुए वेस्टइंडीज को सिर्फ 162 रन पर समेट दिया था। दूसरे वनडे में भले ही रूट ने अर्धशतक नहीं लगाया, लेकिन उनका योगदान मैच की नींव रखने में अहम रहा। उनके अनुभव और स्थिरता से इंग्लैंड का मिडिल ऑर्डर मजबूत बना हुआ है।