बांग्लादेश के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत की शुरुआत खराब रही, जब पावरप्ले के भीतर-भीतर उन्होंने अपने तीन विकेट गंवा दिए। इस मुश्किल स्थिति से टीम को निकालने के लिए शिवम दुबे और रिंकू सिंह ने जिम्मेदारी संभाली।
स्पोर्ट्स न्यूज़: नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने दूसरे ही अंतरराष्ट्रीय मैच में शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह की पुष्टि कर दी। बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में 21 वर्षीय ऑलराउंडर ने सिर्फ 34 गेंदों में 74 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिससे भारत ने बांग्लादेश को 86 रनों से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली।
रेड्डी की बल्लेबाजी के अलावा उनकी सीम बॉलिंग भी प्रभावित करने वाली रही। उन्होंने 2 विकेट लेकर बांग्लादेश के बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने में मदद की, और 2-23 के आंकड़े के साथ एक बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन दिया।
पिता ने बेटे के करियर के लिए छोड़ी नौकरी
नीतीश कुमार रेड्डी का सफर क्रिकेट में काफी संघर्षपूर्ण रहा है, और उनके इस सफर में परिवार का समर्थन अहम भूमिका निभाता है। विशाखापट्टनम, आंध्रप्रदेश के एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीतीश के पिता ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और सारा ध्यान नीतीश के करियर पर लगाया। उनकी इस मेहनत और त्याग का परिणाम अब सामने आ रहा है, जब नीतीश ने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की हैं।
नीतीश ने 2023 में आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए डेब्यू किया, जहाँ उन्हें उनके बेस प्राइस 20 लाख रुपये में खरीदा गया था। 26 मई 2003 को जन्मे नीतीश एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर हैं जो विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने आंध्रप्रदेश के लिए 20 मुकाबले खेले हैं, और रणजी ट्रॉफी 2020 में केरल के खिलाफ पदार्पण किया था। इसके अलावा, 22 लिस्ट ए मैचों का भी अनुभव उन्हें मिला है, जिससे उनकी क्रिकेट क्षमताएं और बेहतर होती गईं।
नीतीश का IPL में निखरा टैलेंट
नीतीश कुमार रेड्डी ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टी-20 में अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी का ध्यान खींचा। सात छक्के और चार चौके लगाने वाले नीतीश ने इस बारे में बताया कि कैसे आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के खेमे ने उनके ऑलराउंडर के रूप में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, "शुरुआत में मुझे नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने की उम्मीद नहीं थी। मुझे एक ऑलराउंडर के रूप में देखा जा रहा था जो निचले क्रम में बल्लेबाजी कर सकता था।"
हालांकि, जब नीतीश ने पंजाब किंग्स के खिलाफ एक शानदार प्रदर्शन किया, तो टीम मैनेजमेंट का विश्वास उन पर बढ़ गया। इसके बाद उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर, यानी नंबर 4 पर मौका दिया गया। उन्होंने कहा, "जब मैंने पंजाब के खिलाफ प्रदर्शन किया, तब उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे नंबर 4 पर मौका दिया।" यह विश्वास और समर्थन उनकी बल्लेबाजी और ऑलराउंड प्रदर्शन को सुधारने में मददगार साबित हुआ।
नीतीश ने कोच गंभीर को दिया सफलता का श्रेय
नीतीश कुमार रेड्डी ने अपनी शानदार गेंदबाजी और ऑलराउंड प्रदर्शन का श्रेय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्न मोर्कल और हेड कोच गौतम गंभीर को दिया। रेड्डी ने बताया कि मोर्कल के साथ उनकी बातचीत ने उन्हें गेंदबाजी में निरंतरता और आत्मविश्वास हासिल करने में मदद की। उन्होंने कहा, "वहां, मैं अपनी गेंदबाजी पर काम कर रहा हूं। मैं और अधिक निरंतर होना चाहता हूं क्योंकि इससे मुझे एक अच्छे ऑलराउंडर के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी। मोर्न एक बेहतरीन कोच हैं और मुझे बहुत आत्मविश्वास देते हैं, इसलिए मैं उन्हें टीम में पाकर बहुत आभारी हूं।"
रेड्डी ने यह भी कहा कि मोर्न मोर्कल की कोचिंग ने उनकी गेंदबाजी को नई दिशा दी, जहां योजनाएं अलग थीं और उनके विकास और कौशल के लिए बहुत मददगार साबित हुईं।
इसके अलावा, उन्होंने अपनी ऑलराउंड क्षमता के विकास में गौतम गंभीर की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया। रेड्डी ने बीसीसीआई द्वारा साझा किए गए वीडियो में कहा, "गौतम सर ने मुझे काफी आत्मविश्वास दिया। उन्होंने कहा कि अपनी गेंदबाजी पर भरोसा रखो और जब गेंदबाजी कर रहे हो तो गेंदबाज की तरह सोचो, ऐसे बल्लेबाज की तरह नहीं जो गेंदबाजी कर सकता हैं।"