विदर्भ ने एक बार फिर रणजी ट्रॉफी पर कब्जा जमाते हुए खुद को भारतीय घरेलू क्रिकेट का दिग्गज साबित कर दिया है। रणजी ट्रॉफी 2024-25 के फाइनल में विदर्भ ने केरल को पीछे छोड़ते हुए चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: विदर्भ ने एक बार फिर रणजी ट्रॉफी पर कब्जा जमाते हुए खुद को भारतीय घरेलू क्रिकेट का दिग्गज साबित कर दिया है। रणजी ट्रॉफी 2024-25 के फाइनल में विदर्भ ने केरल को पीछे छोड़ते हुए चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला ड्रॉ रहा, लेकिन पहली पारी में विदर्भ की बढ़त के कारण उसे विजेता घोषित किया गया।
इस खिताबी जीत के साथ ही विदर्भ ने सात साल में तीसरी बार रणजी ट्रॉफी पर कब्जा किया है। दूसरी ओर, केरल की ऐतिहासिक जीत की उम्मीदें धराशायी हो गईं, क्योंकि टीम पहली बार फाइनल में पहुंचकर भी खिताब नहीं जीत सकी।
केरल की मजबूत चुनौती पर भारी पड़ा विदर्भ
फाइनल मैच में केरल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। विदर्भ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 123.1 ओवर में 379 रन बनाए। दानिश मालेवार (153 रन) ने शानदार शतक जड़ा, जबकि करुण नायर (86 रन) दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए। केरल की टीम ने भी जोरदार संघर्ष किया और कप्तान सचिन बेबी (98 रन) और आदित्य सरवटे (79 रन) की शानदार पारियों के दम पर 342 रन बनाए। विदर्भ के गेंदबाज हर्ष दुबे, दर्शन नालकंडे और पार्थ रेखाडे ने तीन-तीन विकेट झटके।
दूसरी पारी में विदर्भ का दमदार प्रदर्शन
पहली पारी में 37 रन की बढ़त लेने के बाद विदर्भ ने दूसरी पारी में और मजबूत पकड़ बना ली। करुण नायर (135 रन), दानिश मालेवार (73 रन) और दर्शन नालकंडे (नाबाद 51 रन) की पारियों की बदौलत विदर्भ ने 375/9 का स्कोर खड़ा कर लिया। विदर्भ के लिए यह जीत कई हीरो लेकर आई। दानिश मालेवार को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया, जबकि हर्ष दुबे 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' बने। हर्ष दुबे रणजी ट्रॉफी के एक सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए, जिससे विदर्भ की गेंदबाजी और मजबूत हुई।
केरल का सपना टूटा
विदर्भ की यह तीसरी रणजी ट्रॉफी जीत (2017-18, 2018-19 और 2024-25) है, जिससे वह भारतीय घरेलू क्रिकेट में नई ताकत बनकर उभरा है। इस जीत से विदर्भ ने साबित कर दिया कि वह घरेलू क्रिकेट में बड़ी टीमों के बराबर का कद रखता है। केरल की टीम ने पहली बार रणजी फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया, लेकिन खिताब से चूक गई। हालांकि, टीम का सफर प्रेरणादायक रहा और इस प्रदर्शन से वह भविष्य में और मजबूत होकर लौट सकती हैं।