टी20 विश्व कप के सुपर-12 के मैच में बुधवार को भारत का सामना बांग्लादेश से एडिलेड में होगा. तीन मैचों के बाद भारत और बांग्लादेश दोनों के पास बराबर 4-4 अंक है लेकिन टीम इंडिया यहां जीतकर अंक तालिका में आगे निकलना चाहेगी.
बांग्लादेश के खिलाफ़ भारत का रिकॉर्ड बढ़िया है, और पिछले 5 मैचों को देखें तो उनमें से 4 में भारत को जीत मिली है जबकि सिर्फ एक बार बांग्लादेश जीता है.
रोहित आर्मी एडिलेड में पूरे अंक लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उससे पहले हमें कुछ अहम सवालों के जवाब ढूंढना होगा.
केएल राहुल की खराब फॉर्म चिंता का विषय?
भारतीय टीम के पास सबसे पहला सवाल है कि केएल राहुल फ़ॉर्म में कब वापस लौटेंगे?
पिछले 3 मैचों में राहुल ने 7 के औसत से महज़ 22 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी काफ़ी खराब है. दरअसल राहुल न सिर्फ़ जल्दी आउट हो रहे हैं बल्कि जिस दबाव में बैटिंग करते हुए वो आउट हो रहे हैं वो भी चिंता का विषय है.
अंदर आती हुई इनस्विंग गेंद से उन्हें खासी दिक्कत हो रही है और कई बार वो इनसाइड एज द्वारा बॉल को अपने ही स्टंप्स पर खींच लाते हैं.
राहुल के जल्दी आउट हो जाने से कप्तान रोहित शर्मा और आने वाले बैटर्स के ऊपर भी काफ़ी दबाव पड़ जाता है इसलिए भारतीय मैनेजमेंट को उम्मीद है कि राहुल बड़ा स्कोर करेंगे.
राहुल के लिए भी फॉर्म में आने का ये बेहतरीन मौका है क्योंकि बांग्लादेश का पेस अटैक बढ़िया है लेकिन पाकिस्तान या साउथ अफ्रीका जैसा घातक नहीं.
दूसरा, ये मैच एडिलेड में खेला जा रहा है जहां कि पिच बैटिंग को ज्यादा सूट करती है. वहां पर्थ या ब्रिसबेन जैसा पेस और उछाल नहीं मिलेगा जिससे राहुल को परेशानी हो रही है.
राहुल की फॉर्म में वापसी भारतीय बैटिंग की मुश्किलों को काफी हद तक हल कर देगा क्योंकि कोहली और सूर्यकुमार ज़बरदस्त फॉर्म में है और कप्तान रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या के बल्लों से भी रन निकल रहे हैं.
सेलेक्शन का सिरदर्द
ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह स्पिनर्स की पिटाई हो रही है उसने टीम मैनेजमेंट को भी संशय में डाल दिया है. तीनों मैचों में रविचंद्रन अश्विन को मौका मिला, लेकिन वो कुछ खास इंप्रेस नहीं कर पाए हैं. उन्हें 3 मैचों में 3 विकेट मिले हैं लेकिन लगभग 8 रन प्रति ओवर की इकॉनमी उनके फ़िगर्स को ख़राब करती है.
इसके अलावा फ़ील्डिंग में भी वो दूसरे युवा खिलाड़ियों के मुकाबले उन्नीस ही पड़ते हैं. जिस तरह मिलर और मार्करम ने उन्हें पिछले मैच में लगातार बाउंड्री से बाहर का रास्ता दिखाया उससे यही लगता है कि अश्विन भी बाहर बैठने वाले हैं.
सवाल है उनकी जगह कौन? अक्षर पटेल ने दो मैच खेले, पहले मैच में सिर्फ़ एक ओवर मिला जिसमें पाकिस्तान के इफ्तिखार ने उन्हें 3 छक्के लगाए. लेकिन नीदरलैंड्स की कमज़ोर टीम के खिलाफ़ उन्होंने 2 विकेट लिए. पिछले कुछ समय से वो एक दो ओवर बोलिंग कर रहे हैं और बैटिंग भी कर सकते हैं, इसलिए उनका खेलना संभव लग रहा है.
लेकिन टीम सेलेक्टर्स के सामने युज़वेद्र चहल भी है जो स्पेशलिस्ट स्पिनर है और अभी तक एक भी मैच इस वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए हैं.
स्पिनर्स के अलावा टीम एक दूसरा ज़रूरी बदलाव भी है - विकेटकीपर दिनेश कार्तिक की जगह ऋषभ पंत. कार्तिक पिछले मैच में कमर में खिंचाव की वजह से बीच में ही कीपिंग छोड़ गए और उनकी जगह पंत ने ली. आईसीसी के नए नियमों के मुताबिक चोट लगने पर कीपर बदला जा सकता है जिसका उदाहरण हमें देखने को मिला.
कार्तिक भारतीय टीम में फ़िनिशर का रोल निभा रहे है,लेकिन पाकिस्तान और दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ वो स्ट्रगल करते दिखे. पूर्व भारतीय ओपनर ने सवाल उठाया कि कार्तिक कब ऑस्ट्रेलिया में खेले हैं कि आप उनसे आते ही तेजी से रन करने की उम्मीद कर रहे हैं. उनका कहना था कि कार्तिक के बजाए पंत को शुरु से ही खिलाना चाहिए था क्योंकि पंत ने ऑस्ट्रेलिया में भी शतक लगाया है और वहां परफॉर्म करके दिखाया है.
तो पंत की वापसी तय है और भारतीय टीम को उनके बल्ले से भी रनों की दरकार होगी. वैसे पिछले मैच में दीपक हुड्डा को बतौर बल्लेबाज़ खिलाया गया था, वो कुछ खास नहीं कर सके लेकिन उन्हें एक और मौका मिलने की उम्मीद है.
टीम इंडिया को फील्डिंग में सुधार करना होगा
लेकिन बैटिंग और बोलिंग की इन समस्याओं से बढ़कर जिस कमज़ोरी से टीम सबसे अधिक परेशान है वो है उनकी फील्डिंग. पिछले कुछ सिरीज़ से टीम की ग्राउंड फ़ील्डिंग और उनकी कैचिंग पर सवाल उठ रहे हैं.
दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ पिछले मैच में भी भारत ने अकेले मार्करम को आउट करने के 4 मौके गंवाएं. दो बार उन्हें रन आउट किया जा सकता था लेकिन बेहद करीब से भी फील्डर डायरेक्ट हिट नहीं कर सके. खासकर रोहित शर्मा को जब मौका मिला तो वो विकेट के थोड़ी ही दूर पर थे और उनके पास थ्रो करने का भी पर्याप्त समय था, लेकिन उनका भी निशाना चूक गया.
ऐसा शायद ही होता है, लेकिन विराट कोहली ने भी एक आसान सा कैच ड्रॉप कर दिया जो उनके हाथों में बिल्कुल आ चुका था. आमतौर विराट कोहली ऐसे कैच छोड़ते नहीं है. इसके अलावा एक हाफ चांस भी मिस हुआ जब गेंद बाउंड्री पर दो खिलाड़ियों के बीच गिर गई और दोनों में से कोई भी खिलाडी डाइव लगाने को तैयार नहीं था.
हालांकि भारतीय टीम की औसत उम्र फिलहाल ज्यादा कह सकते हैं लेकिन टीम जानती है कि वर्ल्ड कप ट्रॉफी अच्छी फील्डिंग के बिना नहीं जीती जा सकती.
लय में हैं बांग्लादेश के पेसर्स
ये तो चर्चा हो गई भारतीय टीम के अंदरूनी हालात की, अब एक बार विरोधी टीम पर भी नज़र डाल लेते हैं.
पिछले मैच में रोमांचक मुकाबले में नीदरलैंड को हराकर बांग्लादेश की टीम के हौसले बुलंद हैं. कप्तान शाकिब अल हसन ने कहा है कि अब आगे के दो मैच भारत और पाकिस्तान के खिलाफ़ मुश्किल तो हैं लेकिन उनकी टीम 'फ्री माइंड' से खेलेगी.
यानी बांग्ला टाइगर्स रिज़ल्ट का दबाव नहीं लेना चाहते बल्कि खेल को एंजॉय करते हुए बढ़िया प्रदर्शन करना चाहते हैं.
बांग्लादेश के पास बढ़िया पेस अटैक है. तस्कीन अहमद ने 3 मैचों में 8 विकेट लिए हैं और सुपर 12 में सर्वाधिक विकेट लेने वाले बोलर हैं. वो बल्लेबाजों को अपने आउटस्विंग से परेशान कर रहे हैं और बीच बीच में अच्छा इनस्विंगर भी डाल देते हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पिचों की उछाल का अच्छा फ़ायदा उठाया है.
अनुभवी मुस्तफिज़ुर रहमान और युवा हसन महमूद भी लय में नजर आ रहे हैं. कोच ऐलन डोनाल्ड का असर बांग्लादेशी पेसर्स पर दिखाई दे रहा है और वो पहले से अधिक आत्मविश्वास से भरे नज़र आ रहे हैं.
वहीं बांग्लादेश के पास शाकिब अल हसन जैसा अनुभवी स्पिनर भी है जो एडिलेड कि पिच पर बड़ी भूमिका निभा सकता है.
कोहली और सूर्यकुमार यादव का चैलेंज
बांग्लादेश के गेंदबाज़ तैयार नज़र आ रहे हैं लेकिन उनकी तैयारी में पानी डाल सकते हैं ज़बरदस्त फ़ॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव. 360 डिग्री बल्लेबाज़ सूर्या ने 3 मैचों में दो अर्धशतक लगाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी विरोधी टीमों को डराने वाला है.
क्या बांग्लादेश के पेसर्स और स्पिनर्स जबरदस्त फ़ॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार के बल्ले को रोक पाएंगे ये एक बड़ा सवाल है.
सूर्या के साथ-साथ विराट कोहली भी बेजोड़ बैटिंग कर रहे हैं. पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उनकी पारी को देखकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ और पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल ने कह दिया कि कोहली उनके ज़माने के सबसे कम्पलीट बैट्समैन हैं.
उन्होंने कोहली की उस मैच-जिताऊ पारी को 'सॉंग ऑफ़ गॉड' यानी ईश्वर का गीत की संज्ञा दे दी. विराट कोहली ने पिछले 9 मैचों में 81.20 की औसत से 406 रन बनाए हैं, उनके बल्ले को रनो का स्वाद लग चूका है, और उनकी रनों की भूख बढ़ती जा रही है.
बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों का साधारण फॉर्म
बांग्लादेश की सबसे बड़ी कमज़ोरी उनकी बल्लेबाज़ी. एकाध पारियों में नजमुल हसन शांतो या अफ़िफ़ हुसैन ने रन बनाए तो है लेकिन वो कंसिसटेंट नहीं हैं.
युवा बल्लेबाज़ हुसैन पिछले कुछ मैचों में बांग्लादेश के सबसे सफल बल्लेबाज़ नज़र आ रहे हैं. उन्होंने पिछली दस पारियों में 30 के औसत से 266 रन बनाए हैं. लेकिन बड़े मैचों में सफल होने के लिए बांग्लादेश को चाहिए कि उनकी अनुभवी तिकड़ी - यानी शाकिब, लिटन दास और सौम्या सरकार बल्ले से जिम्मेदारी ले और बड़े स्कोर्स करें.
बांग्लादेश की मुश्किल और बढ़ जाती है जब उनके सामने भारत के इन-फॉर्म पेसर्स आ जाते हैं. युवा अर्शदीप सिंह और अनुभवी भुवनेश्वर और मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया में बढ़िया बोलिंग की है और वे कमज़ोर बांग्लादेशी बैट्समेन की कड़ी परीक्षा ले सकते हैं.
भारतीय टीम के पास एडिलेड में जीतकर सेमीफ़ाइनल का रास्ता आसान करने का बढ़िया मौका है जिसे वों गंवाना नहीं चाहेंगे.