Hima Das Birthday: हिमा दास ने भारतीय एथलेटिक्स की स्वर्ण पदक विजेता, जो दुनिया भर में चमका रही हैं भारत का नाम

Hima Das Birthday: हिमा दास ने भारतीय एथलेटिक्स की स्वर्ण पदक विजेता, जो दुनिया भर में चमका रही हैं भारत का नाम
Last Updated: 13 घंटा पहले

Hima Das: हिमा दास अपना जन्मदिन 9 जनवरी को मनाती हैं। उनका जन्म 9 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गांव में हुआ था। 9 जनवरी को जन्मी हिमा दास ने अपनी असाधारण दौड़ क्षमता और अभूतपूर्व कामयाबी के साथ भारतीय एथलेटिक्स की दुनिया में एक अलग ही पहचान बनाई है। असम राज्य के नगांव जिले से आने वाली हिमा ने अपने समर्पण और मेहनत से न सिर्फ भारतीय एथलेटिक्स को नई दिशा दी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम भी रोशन किया। हिमा दास की उपलब्धियां और उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक प्रयास भारतीय खेल जगत में एक प्रेरणास्त्रोत बने हैं।

हिमा दास का ऐतिहासिक सफर

हिमा दास की यात्रा बहुत ही संघर्षपूर्ण रही है। उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका शुरुआती जीवन बहुत साधारण था। हिमा का जन्म 9 जनवरी 2000 को असम के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गांव में हुआ था। उनके माता-पिता चावल की खेती करते थे, और हिमा का परिवार भी सामान्य था।

लेकिन एक दिन शारीरिक शिक्षा के शिक्षक शमशुल हक ने हिमा की दौड़ने की क्षमता को पहचाना, और उनके जीवन की दिशा बदल दी। इसके बाद हिमा ने एथलेटिक्स में कदम रखा और देखते ही देखते वह एक नामचीन खिलाड़ी बन गईं।

आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

हिमा दास ने 2018 में आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हिमा दास, जो भारतीय महिला एथलीट्स के बीच एक प्रमुख नाम बन चुकी थीं, ने 51.46 सेकंड का समय निकालकर यह स्वर्ण पदक हासिल किया। यह उपलब्धि उन्हें भारतीय एथलेटिक्स की स्वर्ण परी बना दी। यह उनकी पहली बड़ी सफलता थी, और इसके बाद उनका नाम हर खेल प्रेमी के जुबान पर था।

कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में उपलब्धियां

2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में हिमा ने अपनी दमदार भूमिका निभाई। हालांकि उन्हें 400 मीटर स्पर्धा में छठा स्थान प्राप्त हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से यह साबित किया कि वह किसी से कम नहीं हैं। इसके अलावा 2018 एशियाई खेलों में भी हिमा ने शानदार प्रदर्शन किया। जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में उन्होंने महिला 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक हासिल किया।

2019 में और भी बड़ी सफलता

2019 में हिमा ने अपनी सफलता की नई ऊँचाइयों को छुआ। 2 जुलाई को 'पोज़नान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स' में 200 मीटर रेस में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित किया कि वह सिर्फ 400 मीटर में नहीं, बल्कि 200 मीटर में भी शानदार प्रदर्शन कर सकती हैं। इसके बाद पोलैंड में हुई 'कुटनो एथलेटिक्स मीट' में उन्होंने 200 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीता। इस तरह हिमा ने 2019 में 19 दिनों के अंदर पांच गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा कर दिखाया।

सामाजिक दायित्व और योगदान

हिमा दास सिर्फ एक एथलीट ही नहीं, बल्कि एक समाजसेविका भी हैं। 2019 में जब चेक गणराज्य में बाढ़ की स्थिति बनी, तो हिमा दास ने मुख्यमंत्री राहत कोष में आधा वेतन दान कर दिया और अपनी सोशल मीडिया के जरिए असम के लोगों से भी मदद की अपील की। इस कृत्य ने हिमा की सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।

हिमा दास का व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष

हिमा दास का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य को प्राथमिकता दी। उनके माता-पिता शुरुआत में उनके एथलेटिक्स में आने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन कोच निपोन दास की मेहनत और हिमा के जुनून ने उन्हें अपने फैसले से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। हिमा ने अपनी कड़ी मेहनत और अपने सपनों को साकार करने के लिए हर मुश्किल को पार किया।

हिमा दास का सम्मान और पुरस्कार

हिमा दास को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इसके अलावा वह कई राष्ट्रीय पुरस्कारों और मान्यता प्राप्त खेल सम्मानों से नवाजी जा चुकी हैं।

नवीनतम उपलब्धियां

हाल ही में हिमा ने गुवाहाटी में हुई अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उनका प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है, और उनकी कड़ी मेहनत के परिणाम सामने आ रहे हैं।

हिमा दास का भविष्य

हिमा दास की यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है। उनका भविष्य बहुत ही उज्जवल है। वह एथलेटिक्स में और भी बड़ी सफलता की ओर बढ़ रही हैं। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। वह भारतीय खेल जगत के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

हिमा दास का नाम भारतीय एथलेटिक्स की दुनिया में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उनका संघर्ष, उनके रिकॉर्ड और उनकी उपलब्धियां हमेशा भारतीय खेल प्रेमियों के दिलों में रहेंगी। हिमा का योगदान न केवल भारतीय एथलेटिक्स में, बल्कि भारतीय खेल जगत में भी अनमोल रहेगा। उनका जन्मदिन 9 जनवरी को है, और इस अवसर पर हम उन्हें उनकी शानदार यात्रा और कामयाबी के लिए सलाम करते हैं।

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