वर्ल्ड चैंपियन डी. गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 के छठे राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। उन्होंने पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर जबरदस्त जीत हासिल की।
स्पोर्ट्स न्यूज़: शतरंज की दुनिया में रविवार का दिन इतिहास रचने वाला रहा जब मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट 2025 के छठे राउंड में पांच बार के विश्व चैंपियन और वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल मुकाबले में शिकस्त दी। यह पहली बार है जब गुकेश ने क्लासिकल टाइम फॉर्मेट में कार्लसन को मात दी है। इस जीत ने ना केवल टूर्नामेंट की तस्वीर बदल दी है, बल्कि गुकेश के करियर को भी एक नई ऊंचाई दी है।
शुरुआती झटका, लेकिन फिर पलटवार
गौरतलब है कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के पहले ही दौर में कार्लसन ने गुकेश को शिकस्त देकर उनकी संभावनाओं को बड़ा झटका दिया था। लेकिन युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर ने हार को पीछे छोड़ते हुए लगातार बेहतर प्रदर्शन किया और जब दोबारा कार्लसन से भिड़ने का मौका मिला, तो उन्होंने इसे एक मौके की तरह लिया, हिसाब बराबर करने का मौका।
कार्लसन ने खेल की शुरुआत में सधे हुए अंदाज़ में दबाव बनाना शुरू किया। वह ओपनिंग से लेकर मिडिल गेम तक थोड़ी बढ़त बनाए रखने में सफल रहे, लेकिन गुकेश ने संयम नहीं खोया। उन्होंने स्थिति को जटिल बनाए रखा और एक भी गलत चाल नहीं चली। जैसे-जैसे एंडगेम पास आया, कार्लसन से एक चूक हुई जिसका गुकेश ने फायदा उठाया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जीत के बाद बदला समीकरण
गुकेश की यह जीत न केवल व्यक्तिगत तौर पर विशेष रही, बल्कि टूर्नामेंट के पूरे अंक तालिका को नया रूप दे गई है। राउंड 6 से पहले मैग्नस कार्लसन 9.5 अंकों के साथ शीर्ष पर चल रहे थे, जबकि फैबियानो कारुआना और हिकारू नाकामुरा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर थे। लेकिन गुकेश की इस जीत ने शीर्ष की स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
अब हेड-टू-हेड में दोनों खिलाड़ी कार्लसन और गुकेश एक-एक जीत के साथ बराबरी पर आ गए हैं। यह स्कोर अब सिर्फ दो खिलाड़ियों की टक्कर नहीं, बल्कि अनुभव और युवाशक्ति के बीच संघर्ष बन गया है।
कार्लसन की प्रतिक्रिया और भावनात्मक क्षण
खेल के बाद कार्लसन का व्यवहार यह दर्शाता है कि यह हार उनके लिए कितनी अप्रत्याशित और चुभने वाली थी। बोर्ड से उठने से पहले उन्होंने टेबल पर गुस्से में हाथ मारा, जिससे मोहरे गिर पड़े। इसके बाद वे तेज़ी से वहां से बाहर निकल गए, बिना किसी से नजर मिलाए। कार्लसन की ऐसी प्रतिक्रिया आमतौर पर देखने को नहीं मिलती, जो यह बताती है कि गुकेश की जीत कितनी मायने रखती है।
गुकेश की सोच और खेल का स्तर
गुकेश की यह जीत केवल तकनीकी चतुराई का नतीजा नहीं थी, बल्कि उनके आत्म-नियंत्रण, धैर्य और मानसिक मजबूती की भी मिसाल थी। जब एक खिलाड़ी अपने करियर के सबसे बड़े नामों में से एक के सामने बैठा हो, और वह भी उनके घरेलू दर्शकों के सामने, तो दबाव असाधारण होता है। लेकिन गुकेश ने शांति से हर कदम पर सोच-समझकर चालें चलीं और कार्लसन की एक चूक पर सटीक हमला किया।
अब नॉर्वे चेस टूर्नामेंट अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है और खिताब की दौड़ बेहद दिलचस्प हो गई है। गुकेश, कार्लसन, कारुआना और नाकामुरा – सभी के बीच कड़ा मुकाबला है और छोटे से अंतर से रैंकिंग ऊपर-नीचे हो सकती है।