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World Chess Champion: कोनेरू हंपी दूसरी बार बनीं 'वर्ल्ड रेपिड चेस चैंपियन', न्यूयॉर्क में इंडोनेशिया की खिलाड़ी को 11वें राउंड में दी मात

World Chess Champion: कोनेरू हंपी दूसरी बार बनीं 'वर्ल्ड रेपिड चेस चैंपियन', न्यूयॉर्क में इंडोनेशिया की खिलाड़ी को 11वें राउंड में दी मात
Last Updated: 1 दिन पहले

साल 2024 के खत्म होने से पहले भारत को चेस में एक और बड़ी कामयाबी मिली है। आज यानी रविवार को 37 साल की कोनेरू हम्पी ने FIDE वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीत लिया। उन्होंने 11वें राउंड में इरीन सुकंदर को हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया।

स्पोर्ट्स न्यूज़: साल 2024 के खत्म होने से पहले भारत को चेस में एक और बड़ी कामयाबी मिल गई है। रविवार को 37 साल की कोनेरू हम्पी ने FIDE वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीत लिया। उन्होंने 11वें राउंड में इरीन सुकंदर को हराकर यह प्रतिष्ठित टाइटल अपने नाम किया। यह कोनेरू हम्पी का दूसरा वर्ल्ड रैपिड खिताब है, जिसे उन्होंने 2019 में मॉस्को में पहली बार जीता था।

2024 में यह खिताब जीतने के बाद, हम्पी ने चाइना की जू वेनजुन (Ju Wenjun) के क्लब में एंट्री की, जिन्होंने एक ही फॉर्मेट में एक से ज्यादा बार यह खिताब जीता है। कोनेरू की यह शानदार जीत भारत के शतरंज के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण बन गई है। इससे पहले, भारत के डी गुकेश ने सिंगापुर में क्लासिकल फॉर्मेट विश्व चैम्पियनशिप में चाइना के डिंग लीरेन को हराकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। 

कोनेरू हंपी ने रचा इतिहास 

कोनेरू हंपी ने 2024 में FIDE वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीतकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उनका दूसरा वर्ल्ड रैपिड खिताब है, जिसे उन्होंने 2019 में भी जीता था। 2023 में वह इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने से चूक गई थीं, जब समरकंद, उज्बेकिस्तान में रूस की अनास्तासिया बोदनारुक के खिलाफ टाईब्रेक में हार गई थीं। हालांकि, 2024 में उन्होंने फाइनल में इंडोनेशिया की इरीन सुखंदर को मात देकर यह प्रतिष्ठित टाइटल अपने नाम किया।

हंपी का रैपिड चेस चैंपियनशिप में शानदार करियर रहा है, जिसमें 2012 में मॉस्को इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल और पिछले साल उज्बेकिस्तान में सिल्वर मेडल शामिल हैं। भारत की नंबर 1 महिला चेस खिलाड़ी ने इस टूर्नामेंट में 8.5/11 राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और खिताब जीतने में सफल रही।

भारत के लिए इस साल की दूसरी बड़ी जीत 

हंपी ने 2024 के अंत में यह खिताब जीतकर बुडापेस्ट ओलंपियाड में न खेलने के बाद शानदार वापसी की। जहां भारत ने ऐतिहासिक दोहरा गोल्ड मेडल जीता था, हंपी निजी कारणों से उस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकी थीं। इसके अलावा, भारत को इस साल एक और बड़ी शतरंज उपलब्धि भी मिली, जब डी गुकेश ने क्लासिकल प्रारूप में शतरंज विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। इन दोनों प्रमुख जीतों ने 2024 में भारत को शतरंज की दुनिया में और भी उच्चतम स्थान दिलाया।

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