World Chess Championship: गुकेश और लिरेन के बीच लगातार चौथी बाजी रही ड्रॉ, सफेद मोहरों का फायदा नहीं उठा पाए भारतीय खिलाडी

World Chess Championship: गुकेश और लिरेन के बीच लगातार चौथी बाजी रही ड्रॉ, सफेद मोहरों का फायदा नहीं उठा पाए भारतीय खिलाडी
Last Updated: 16 घंटा पहले

गुकेश, जो अच्छी स्थिति में थे, अंततः अपनी मैच को जीत नहीं पाए और उन्हें ड्रॉ खेलना पड़ा। हालांकि, वह एक पॉन की बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन लिरेन के मजबूत रक्षा प्रयासों के सामने वह अपनी बढ़त को बढ़ा नहीं पाए और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

स्पोर्ट्स न्यूज़: विश्व चैंपियनशिप खिताब के लिए चीन के डिंग लिरेन को चुनौती दे रहे भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने सातवीं बाजी में सफेद मोहरे से खेलने के बावजूद जीत हासिल नहीं की। दोनों के बीच यह चौथी लगातार ड्रॉ बाजी रही। सातवीं बाजी 72 चालों तक चली और यह फाइनल की अब तक की सबसे लंबी बाजी रही। 

हालांकि, गुकेश अच्छी स्थिति में थे और एक पॉन की बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन डिंग लिरेन के मजबूत रक्षात्मक खेल के आगे उन्हें जीत नहीं मिल पाई और बाजी ड्रॉ पर समाप्त हुई। इस ड्रॉ के बाद दोनों खिलाड़ी 14 दौर के फाइनल में 3.5-3.5 अंकों की बराबरी पर हैं।

सफेद मोहरों का फायदा नहीं उठा पाए भारतीय खिलाडी गुकेश 

सातवीं बाजी में डिंग लिरेन के लिए 40वीं चाल के दौरान स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी, क्योंकि उनके पास केवल सात सेकेंड का समय बचा था और इस दौरान उन्होंने एक बड़ी गलती की। हंगरी की ग्रैंडमास्टर सुजान पोल्गर ने इस गलती को बहुत बड़ा बताया और कहा कि गुकेश जीत की स्थिति में आ गए थे। हालांकि, गुकेश ने लिरेन की गलती का फायदा उठाने की बजाय अपने बिशप (ऊंट) को पीछे हटा लिया, जो एक महत्वपूर्ण अवसर को गंवाने जैसा था।

लिरेन मुकाबले के दौरान कभी भी पूरी तरह से अच्छे मोड़ में नहीं थे, लेकिन उन्होंने जबरदस्त रक्षात्मक खेल दिखाया, जिससे गुकेश को फायदा नहीं हुआ। एक समय तो गुकेश भी समय के दबाव में फंस गए थे और उन्होंने 56वीं चाल तब चली, जब उनके पास सिर्फ दो सेकेंड बचे थे। अंत में, गुकेश एक पॉन की बढ़त पर रहे, लेकिन वह इसे मैच जीतने के लिए प्रभावी तरीके से उपयोग नहीं कर पाए, जिससे बाजी ड्रॉ पर खत्म हुई।

5 घंटे 20 मिनट तक चली दोनों के बीच बाजी

सातवें दौर की बाजी पांच घंटे और 20 मिनट तक चली, जो इस सीरीज की एक लंबी और रोमांचक बाजी थी। इससे पहले, छठी बाजी भी चार घंटे से अधिक समय तक चली और 46 चालों तक चली थी। मध्य खेल में गुकेश को एक बड़ी बढ़त मिल चुकी थी, और ऐसा लग रहा था कि वह जीत की ओर बढ़ रहे हैं। एक वक्त ऐसा भी आया जब लिरेन समय के दबाव में फंस गए थे, क्योंकि उन्हें 16 मिनट में 15 चालें चलनी थीं।

40वीं चाल तक, लिरेन के पास बचने के लिए केवल सात सेकेंड का समय बचा था, जो उनके लिए मुश्किल स्थिति थी। इस वक्त भी उन्होंने एक बड़ी गलती की, जिससे गुकेश को जीत का मौका मिला। हालांकि, गुकेश ने उस मौके का फायदा नहीं उठाया। यह पूरी बाजी एक बार फिर ड्रॉ रही, और यह वाकई एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति थी, क्योंकि तीसरी बाजी में भी लिरेन को समय के कारण हार का सामना करना पड़ा था।

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