पेरिस पैरालंपिक-2024 में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और नित्या श्री ने सिंगल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। यह उनके लिए पैरालंपिक प्रतियोगिता में पहला मेडल है, जो उनके खेल करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: पेरिस में हो रहे पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है और नित्या श्री सिवान ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश को एक और मेडल दिलाया है। उन्होंने विमंस सिंगल्स की एसएच6 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता, जो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। सोमवार को खेले गए मुकाबले में नित्या ने इंडोनेशिया की रिना मार्लिना को सीधे गेमों में 21-14, 21-16 से हराकर मेडल पर कब्जा किया। यह मैच केवल 26 मिनट में समाप्त हुआ, जिसमें नित्या ने अपनी उत्कृष्ट खेल क्षमता का प्रदर्शन किया। इससे न केवल उन्होंने व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की, बल्कि विमंस डबल्स में मार्लिना से मिली हार का भी बदला लिया।
भारत ने अबतक जीते कुल 15 मैडल
नित्या की इस जीत ने भारत के पैरालंपिक अभियान को और भी मजबूती दी है और यह दिखाया है कि भारतीय खिलाड़ी कठिनाईयों को मात देने के लिए तैयार हैं। इस उपलब्धि पर सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए गर्व महसूस कर रहे हैं और नित्या की सफलता ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। भारत ने इस इवेंट में अब तक कुल 15 मेडल जीते हैं, जिसमें 3 गोल्ड, 5 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। यह खिलाड़ियों के कठिन परिश्रम और समर्पण को दर्शाता है, और यह आगे के इवेंट्स के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों की इस सफलता से राष्ट्र को गर्व हुआ है और उम्मीद है कि आने वाले मैचों में और भी शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा। टीम इंडिया टोक्यो पैरालंपिक्स में मिले 19 मेडल की संख्या को पार कर उस रिकॉर्ड को तोड़ने की पूरी कोशिश करेगी।
नित्या ने मैच के दौरान किया शानदार प्रदर्शन
नित्या श्री ने एसएच6 कैटेगरी में अपना ब्रॉन्ज मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि उनके खेल में कितना दम है। इस कैटेगरी में छोटे कद के खिलाड़ी भाग लेते हैं और नित्या ने इस प्रतियोगिता में शुरू से ही अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया। उन्होंने मैच के पहले गेम की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की, जहां उन्होंने 7-0 की बढ़त बना ली।
हालांकि, इंडोनेशिया की रिना मार्लिना ने भी दिलचस्पी दिखाई और स्कोर को 10-10 से बराबर कर दिया। लेकिन नित्या ने इसके बाद शानदार खेल दिखाया और लगातार पांच अंक अपने नाम किए, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पहला गेम 21-14 से जीत लिया। दूसरे गेम में भी नित्या ने अपने प्रदर्शन को कायम रखा। उन्होंने शुरुआत में 3-2 की बढ़त ली और फिर इसे बढ़ाते हुए 10-2 का शानदार स्कोर हासिल किया। इस बार नित्या ने खेल पर अपनी पूरी पकड़ बना ली और मार्लिना प्रति अंक के लिए जूझती रहीं, लेकिन वह नित्या के दबदबे के आगे नतमस्तक हो गईं।
नित्या की यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि भारतीय पैरालंपिक खेलों में महिला खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या और सफलता का भी प्रतीक बनती है। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने उन्हें इस सफलता की ओर अग्रसर किया, और यह खेल जगत में एक प्रेरणादायक कहानी बन गई हैं।